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रायपुर में Corona जांच 11 हजार क्षमता के दावे, ले रहे सिर्फ 6584 सैंपल

छत्तीसगढ़ में कोरोना सैंपल जांच क्षमता रोजाना भले ही 11 हजार की हो। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर दिन 50 से 60 फीसद ही सैंपल लिए जा रहे हैं। इसमें भी कुछ सैंपलों की जांच पेंडिंग हो जाती है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा विभाग को बार-बार जांच क्षमता बढ़ाने की हिदायत देने के बाद भी विभाग के सुस्त अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों में स्थापित बीएसएल-2 लैब में रोजाना आरटीपीसीआर जांच की कुल क्षमता 4500 है। वहीं विभिन्न जिलों के 16 केंद्रों में स्थापित ट्रू-नाट मशीनों से रोज 2040 सैंपलों की जांच की जा सकती है। रैपिड एंडीजन किट से भी सभी 28 जिलों में प्रतिदिन 4450 सैंपलों की जांच की जा सकती है। लेकिन एक अगस्त की स्थिति से भी गौर करें तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में हर दिन 6584 लोगों का ही सैंपल लिया जा रहा है। इसमें भी सैकड़ों जांच पेंडिंग रह जा रहे हैं। सैंपल जांच की क्षमता बढ़ा तो दी गई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों की जांच उस स्तर पर नहीं की जा रही है। इधर संक्रमित पाए जाने के बाद परिजन व संपर्क में आए लोगों के जांच के लिए कांट्रेक्ट ट्रेसिंग व ट्रैवल हिस्ट्री खंगालने वाली टीम के नहीं पहुंचने की शिकायतें लगातार सामने आ रही है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा। प्रदेश में रोजाना सैंपल जांच की क्षमता 11 हजार के करीब है। एम्स रायपुर के साथ ही प्रदेश के सभी छह शासकीय मेडिकल कॉलेजों में आरटीपीसीआर, 16 केंद्रों में ट्रू-नाट मशीनों से और सभी जिलों में रैपिड एंटीजन किट से सैंपलों की जांच की जा रही है। कोविड-19 की पहचान के लिए प्रदेश में 11 अगस्त तक कुल तीन लाख 94 हजार 141 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इनमें से तीन लाख तीन हजार 248 सैंपल जांच आरटीपीसीआर तकनीक से, 30 हजार 436 की जांच ट्रू-नाट और 60 हजार 457 सैंपलों की जांच रैपिड एंटीजन किट से किए गए हैं।