पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा (S M Krishna) ने कहा कि देश के राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है। हमें सत्ता में बैठे शीर्ष नेतृत्व की आलोचना के भय से मुक्त होना होगा। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और भाजपा की कार्यप्रणाली की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में दी गई चुनावी चुनौतियों के बीच कांग्रेस की अहम भूमिका है। वह खासकर क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को एकत्रित कर नया राजनीतिक गठजोड़ बना सकती है। कृष्णा ने कहा कि 45 साल से कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद तीन साल पहले भाजपा के साथ आया हूं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2024 के संसदीय चुनाव के बाद मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। गुरुवार को दिए गए साक्षात्कार में एसएम कृष्णा ने कहा कि सभी राजनीतिक दल आंतरिक लोकतंत्र की कमी से जूझ रहे हैं। सभी दलों को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे लोकतंत्र मजबूत हो सके। गांधीजी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के दौर की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय जो आंतरिक लोकतंत्र था, उससे सीख ली जा सकती है। राजस्थान में हुए कांग्रेस के आंतरिक राजनीतिक घमासान पर कहा कि यह उस पार्टी में गहरी जड़ें जमा चुकी असहजता के कारण है। उन्होंने कहा कि ऐसा युवाओं को पार्टी में अपनी राय न रख पाने और अपने लिए जगह बनाने में विफल रहने के कारण हो रहा है। पुरानी पीढ़ी को युवाओं के लिए जगह बनानी होगी, लेकिन उन्हें युवा पीढ़ी का नेतृत्व करने के लिए पार्टी में बने रहना चाहिए। जो राजनीतिक दल समय के साथ खुद को नहीं बदलते, उनका धीरे-धीरे पतन होने लगता है।
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