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CG NEWS : जिला प्रशासन ने समर्थन मूल्य में धान की फर्ज़ी बिक्री रोक पर बड़ी सफलता, 547 किसानों के 1444 एकड़ रकबे का तोहफा

प्राथमिक पात्र, गरियाबंद। समर्थित मूल्य में बोगस बिक्री पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान को बड़ी सफलता मिली है। कलाकारों की टीम ने देवभोग के कलाकारों के नेतृत्व में पिछले तीन दिनों में अभियान चला कर 15 कार्यशाला केंद्र से 547 किसानों के 1444 कलाकारों के रकबे का प्रदर्शन किया है।

डोमेन ने बताया कि शनिवार से सोमवार तक राजस्व अमला धान बिक्री करने वाले पंजीकृत किसानों की सूची लेकर घर-घर पहुंच संपर्क। रिझोपानी, झखरपारा और खोखसा केंद्र में पंजीकृत किसानों को शेष 12 केंद्र में मिले 396 किसानों के ऐसे 832 भिक्षुओं के रकबा का प्रदर्शन किया गया। जिसमें बोगस तरीके से धान की सप्लाई की सभवाना थी,जिसके मजदूरों में सरकार को 5.27 करोड़ का भुगतान किया जा सकता है।टोकन का आवेदन करने वाली आउटलुक टीम ने आगामी 18 जनवरी तक धान की बोली तो कटवा के लिए 100 से अधिक मील की दूरी तय की है। वे हमारी टीम को अपना सब्जेक्ट दिखाए बिना ले गए थे। कुछ ऐसे किसान भी थे जो खेतो में उपज नहीं थे पर वे धान के जुगत में लगे थे। अमला के आग्रह पर वे रकबा उपहार के लिए तैयार हो गये। टोकन ने कहा कि यह प्रक्रिया सतत जारी रहेगी।

तो बिकी 3.50 करोड़ का अट्रैक्शन धान

ओडिशा से धान परिवहन में लगे सोसायटी को धर पकड़ लगातार जारी है। इसी बीच रकबा दस्तावेजों का अभियान बोगस संबधों को रोकने में कारक सिद्ध हो रहा है। पहली बार भारी संख्या में राखी बांधी गई। अनुविभाग क्षेत्र के 15 केंद्र में होने वाले 12 में से 12 में जारी है। निर्माण नहीं वाले रकबे से बिचौलिए लगातार संपर्क बनाए गए थे, कुछ के किसान धान के जुगाड़ में थे, ऐसे 832 पक्के थे। जहां 16985 असली धान की बिक्री होती है। जिसके तहत शासन को 3100 रुपए प्रति माह 5.27 करोड़ का भुगतान करना पड़ता है।

क्या है रकबा उपहार

धान की बोनी के बाद सोलन तहसील की पहचान धान बोनी वाले रकबे में धान बिक्री हेतु पंजीकरण कराना होता है। इस रकबे में किसी वाजिब कपड़े से धान नहीं बिका तो उसे किसान की सहमति से उपहार के रूप में दिया जाता है। रकबा दान केवल चालू सीजन के लिए रहता है, अगामी सीजन के लिए किसान नया नामांकन करा सकते हैं।

प्रयोगशाला केंद्रवार दस्तावेज़ के दस्तावेज़

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार निश्चितगुड़ा में 111 कृषकों के 169.329 हे, झारिपाणी 77 कृषकों के 120.43 हे, खोकसरा में 29 कृषकों के 49.03 हे, झाकरपारा में 51 कृषकों के 75.13 हे, दिवानमुड़ा के 41 कृषकों के 60.90, राणागुड़ा के 10 कृषकों के 0.255 हे, देवभोग के 13 किसान 3.10 हे, लाटापारा के 22 कृषकों के 0.704 हे, घुमंरगुड़ा के 4 कृषकों के 3.05 हे, गोहरापदर के 59.183 हे, चिचिया के 24 कृषकों के 0.695 हे, बरबाहली 20 कृषकों के 1.55 हे, सिनापाली 59 कृषकों के 91.324 हे, कदलीमुड़ा के 9 कृषकों के 0.118 हे, धौराकोट में 18 किसानों का 0.18 हेक्टेयर।