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Editorial :- विश्व के मुस्लिम देश भी हुए मोदी के मुरीद : भाजपा जोड़ रही है मुस्लिमों को राष्ट्र की मुख्यधारा में

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17 aug 2020 

भाजपा अलगाववाद की ओर जा रहे मुस्लिमों को राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़ रही है। इतना ही नहीं विश्व के मुस्लिम देश भी हुए मोदी के मुरीद ।

आर्टिकल ३७० के निष्प्रभावी किये जाने के मोदी सरकार के कदम का पूरे विश्व के मुस्लिम देशों से समर्थन मिला है,पाकिस्तान मलेशिया और तुर्की को छोड़कर। 

आर्टिकल ३७० के विरोध पर पाकिस्तान और मलेशिया के पूर्व पीएम का माफीनामा। इस विषय पर विस्तार से चर्चा हमने लोकशक्ति के १३ अगस्त के संपादकीय में की है। 

भूल हर मनुष्य से होती है, और ये स्वाभाविक है, पर उस भूल को स्वीकार करने का साहस बहुत ही कम लोगों में होता है। मलेशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष महातिर मुहम्मद भारत का विरोध कर अब पश्चाताप कर रहे हैं। उसी प्रकार से कश्मीर मुद्दे को ही लेकर पाकिस्तान ने सऊदी अरब से पंगा लिया और अब वह माफी मांग रहा है। 

 कांग्रेस क्या अब इन सबसे सबक लेगी? 

>> आज का समाचार है : शाहीन बाग सोशल एक्टिविस्ट शहजाद अली भाजपा में हुए शामिल।

>>  दो दिन पूर्व का यह भी समाचार है :  शाह फैसल का भी हुआ सच्चाई के सामने समर्पण बोले कश्मीर में 5 अगस्त से पहले का दौर लौटना असंभव, हो सकते हैं नए एलजी मनोज सिन्हा के सलाहकार।

इससे स्पष्ट है कि अलगाववाद की ओर कदम बढ़ा चुके मुस्लिमों को भाजपा राष्ट्र की मुख्यधारा में जोडऩे का प्रयास कर रही है। 

परंतु विडंबना है कि हमारे यहॉ के कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल वोटबैंक के लालच मेें तुष्टीकरण की नीति अपना रहे हैं इससे बेंगलुरू जैसी हिंसात्मक घटनाओं का जन्म हुआ। 

कांग्रेस ही नहीं बल्कि उनके समर्थक मीडिया भी वालस्ट्रीट जनरल बीबीसी जैसे पाश्चात्य जगत के भारत विरोधी मीडिया का अनुकरण कर  भारत में अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं। 

>>  मीडिया ने पी नवीन को बनाया बेंगलुरु दंगे का कारण तो कांग्रेस ने अपने दलित विधायक से किया किनारा।

>>  वालस्ट्रीट जनरल का अनुकरण कर राहुल गांधी का आरोप : भारत में फेसबुक-व्हाट्सएप  पर बीजेपी-आरएसएस का नियंत्रण: 

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप को नियंत्रित करते हैं। इसके साथ राहुल ने ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नलÓ की एक रिपोर्ट को भी शेयर किया है। 

वॉल स्ट्रीट भारत और हिन्दू विरोधी अभियान चला रखा है। दिल्ली दंगों में आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोप आप पार्षद ताहिर हुसैन लगा है। परंतु ठीक इसके विपरीत वॉल स्ट्रीट जनरल ने खबर छापी थी, आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या इस्लामी कट्टरपंथियों ने नहीं की है, बल्कि ‘जय श्री रामÓ का नारा लगाने वाली हिंदुवादी भीड़ ने की है।

राहुल गांधी के आरोप पर पलटवार करते हुए रविशंकर प्रसाद ने जो टिप्पणी की है उसे तथा इस संपादकीय में ऊपर दिये गये अन्य तथ्यों से संंबंधित समाचार इस संपादकीय पृष्ठ में अलग से है। 

मीडिया ने पी नवीन को बनाया बेंगलुरु दंगे का कारण तो कांग्रेस ने अपने दलित विधायक से किया किनारा

एक दलित कांग्रेसी विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे पी नवीन ने एक भड़काऊ पोस्ट के जवाब में टिप्पणी क्या की, बेंगलुरु के कट्टरपंथी मुसलमानों ने मानो प्रलय लाने की व्यवस्था कर ली थी। सार्वजनिक और निजी संपत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया और इस पूरे प्रकरण में 60 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। बहरहाल, आशा की जा रही थी कि, कांग्रेस अपने पीडि़त विधायक के साथ खड़ी होगी, लेकिन पार्टी ने नीचता की सीमाएं लांघते हुए न केवल विधायक से किनारा कर लिया, बल्कि उसके भतीजे पी नवीन को भाजपा समर्थक भी बता डाला।  कट्टरपंथी मुसलमानों को बचाने की जद्दोजहद में जिस प्रकार से वामपंथी मीडिया ने पी नवीन का चरित्र हनन करने का प्रयास किया, उसमें कांग्रेस ने भी बढ़-चढ़ कर साथ दिया। इंडिया टुडे ग्रुप, जिसके डेटा इंटेलिजेंस यूनिट को स्वयं पत्रकार राहुल कंवल संभालते हैं, ने अपने पोर्टल पर पी नवीन का प्रोफाइल प्रकाशित करवाया हैं, जिसमें वो ये जताने का प्रयास करते हैं किस प्रकार से पी नवीन एक व्यभिचारी व्यक्ति है, जो सनी लियोनी का प्रशंसक भी हुआ करता था –

इंडिया टुडे ने बिना देरी किए पी नवीन को एक ऐसे व्यभिचारी के तौर पर दिखाना प्रारम्भ कर दिया, जिसकी कोई स्पष्ट विचारधारा नहीं है और जो हमेशा अपनी पोस्ट्स में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देता है। हालाँकि, इंडिया टुडे यहीं पर नहीं रुका, उन्होंने तो नवीन के शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल उठाना शुरू कर दिया, कि वह प्रारम्भ से ही ऐसा था।

यह निकृष्टता केवल इंडिया टुडे तक ही सीमित नहीं थी। डेक्कन हेराल्ड नामक न्यूज़ पोर्टल ने दो कदम आगे जाते हुए पी नवीन को ऐसे चित्रित किया, जैसे उन्होंने इस्लामिक रीतियों पर प्रश्न करके एक बहुत बड़ा पाप किया है और यही उनका पेशा रहा है। इस रिपोर्ट की मानें, तो नवीन एक ऐसा हिंसक व्यक्ति है, जिसे ईश निंदा  के लिए कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार, “सूत्रों का कहना है कि विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे पी नवीन का इतिहास ही ऐसे सांप्रदायिक पोस्ट्स से भरा हुआ है। उसने 5 अगस्त को बेहद अभद्र भाषा में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था”।

अब ऐसे में हमारे क्रांतिकारी पत्रकार रवीश कुमार कैसे पीछे रहते? आम तौर पर हर जुर्म के लिए हिन्दू संस्कृति पर दोषारोपण करने वाले रवीश कुमार बड़ी शिद्दत से कट्टरपंथी मुसलमानों के बचाव में सामने आ गए। उनका मानना है कि यह हिंसा धर्म से जुड़ी हुई नहीं थी।

उनके अनुसार, “दंगाई दंगाई होता है, उसका हिन्दू धर्म या इस्लाम से कोई मतलब नहीं है।” इसके अलावा जनाब ने यहाँ तक कह दिया कि, दंगाइयों को भड़कने के लिए कोई न कोई अवसर चाहिए होता है। हालांकि यह कोई हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि ये वही रवीश कुमार हैं, जिनके लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों में सुरक्षाबलों पर गोलियां चलाने वाला दंगाई शाहरुख पठान नहीं, बल्कि अनुराग मिश्रा था। 

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या इस्लामी कट्टरपंथियों ने नहीं की है, बल्कि ‘जय श्री रामÓ का नारा लगाने वाली हिंदुवादी भीड़ ने की है।

बुधवार को, वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की , जिसका शीर्षक था, “भारत की सत्तारूढ़ पार्टी, सरकार ने दिल्ली हिंसा पर काबू पा लिया”। डब्ल्यूएसजे ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मृतक आईबी अधिकारी के भाई अंकुर शर्मा ने कथित तौर पर उनसे कहा कि दंगाई पत्थर, छड़, चाकू और तलवारों से लैस होकर आए थे और उनके हमला करने से पहले ‘जय श्री रामÓ के नारे लगाए। भाई अंकित शर्मा।

डब्ल्यूएसजे के दावे के अनुसार, अंकुर शर्मा ने हिंदू समूहों पर अपने भाई अंकित शर्मा पर हमला करने का आरोप लगाया, जिन्हें बाद में दिल्ली में निर्मम हत्या कर दी गई थी।

टाइम्स नाउ से बात करते हुए अंकुर शर्मा ने आरोप लगाया था कि ्र्रक्क नेता ताहिर हुसैन से जुड़े कम से कम 40-50 लोग उनके भाई को ले गए थे और उनकी हत्या कर दी थी। “उन्होंने मेरे भाई और चार-पांच अन्य लोगों को मार डाला और उन्हें नाले में फेंक दिया। उन्होंने नाले से तीन और शव बरामद किए हैं। घटना के पीछे ताहिर हुसैन है, “अंकुर शर्मा ने कहा ।

  • दिसंबर 27, 201 वाल स्ट्रीट जर्नल ने भी अपने एक ताजा लेख में मोदी सरकार पर निशाना साधा है। लेख में कहा गया है कि मोदी सरकार चाहती तो मुस्लिम समुदाय में संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर फैले डर को कम कर सकती थी, लेकिन सरकार इसके उलट काम कर रही है और अल्पसंख्यकों के डर को और बढ़ा रही है।

 भारत विरोधी खबरों को किस कदर प्लांट किया जाता है विदेशी मीडिया में, उसके मोडस ऑपरेंडी को कल यानी शनिवार को द पायनियर के वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने एक ट्वीट कर सबके सामने नंगा कर दिया। सीनियर जर्नलिस्ट ने अपने ट्वीट में खुलासा किया कि किस तरह एक अमेरिकी अखबार ने उन्हें दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में हुई मौतों को सांप्रदायिक आधार पर रिपोर्ट करता एक 1000 शब्द का आर्टिकल लिखने के लिए 1500 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1 लाख 10 हजार रुपए) का ऑफर किया। ध्यान रहे कि यह दंगा ठीक उसी समय भड़काया गया था, जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर थे।

अपने ट्वीट में जे गोपीकृष्णन ने हिन्दू विरोधी/भारत द्रोही एजेंडे की कलई खोलते हुए इन अमेरिकी बेस्ड लेफ्टिस्ट मीडिया संगठनों को ‘रास्कल्सÓ, ‘क्रुक्सÓ कहा। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इन मीडिया संगठनों को ‘प्रेस्टिट्यूट्सÓ कहना भी जायज ठहराया।गोपीकृष्णन यहीं नहीं रुके। उन्होंने उन भारतीय पत्रकारों को भी लताड़ लगाई, जो कुछ सौ डॉलर्स के लिए अपनी आत्मा बेचते घूमते हैं।

राहुल गांधी का आरोप- भारत में फेसबुक-व्हाट्सएप पर BJP-RSS का नियंत्रण, रविशंकर प्रसाद ने किया पलटवार

नई दिल्ली: संवाददाता। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप को नियंत्रित करते हैं। इसके साथ राहुल ने ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नलÓ की एक रिपोर्ट को भी शेयर किया है। उनके इस आरोप पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अपनी खुद की पार्टी के लोगों को भी प्रभावित नहीं कर सकने वाले लूजर इस बात का हवाला देते रहते हैं कि पूरी दुनिया भाजपा और आरएसएस द्वारा नियंत्रित है।

इस पर पलटवार करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘अपनी ही पार्टी के लोगों को प्रभावित नहीं कर सकने वाले हारे हुए लोग इस बात का हवाला देते रहते हैं कि पूरी दुनिया भाजपा और आरएसएस द्वारा नियंत्रित है। चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाने के लिए आपको कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था और अब हमसे सवाल कर रहे हैं?Ó 

उन्होंने कहा, ‘तथ्य यह है कि आज सूचना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण हो गया है। यह अब आपके परिवार के अनुचर द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है और इसीलिए यह दर्द होता है। खैर, अभी तक बंगलुरु दंगों की आपसे निंदा नहीं सुनी है। आपका साहस कहां गायब हो गया?Ó 

उन्होंने कहा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कैंब्रिज एनालिटिका की सेवा ली और उसका उपयोग-दुरुपयोग किया यह बात प्रमाणित है. उन्होंने कहा कि अब वह उनसे अपने रिश्तों से पीछे नहीं हट सकती है. ध्यान रहे कि कल भी भाजपा व केंद्र सरकार ने कांग्रेस पर चुनावी लाभ के लिए इस फर्म की सेवा लेने का आरोप लगाया था. आज केंद्र सरकार ने सीधे तौर पर गुजरात चुनाव में राहुल गांधी द्वारा इसकी सेवा लेने का आरोप लगाया. 

यहॉ यह उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व जेएनयू में अफजल गुरू के शहीदी दिवस जिस दिन मनाया जा रहा था उस दिन जिन छात्र नेताओं कन्हैय्य़ा कुमार और उमर खालिद की उपस्थिति में भारत तेरे टुकड़ें होंगे, कश्मीर मांगे आजादी, केरल मांगे आजादी, बस्तर मांगे आजादी भारत की बर्बादी तक संघर्ष रहेगा जारी आदि नारे लगे थे। तुरंत उसके बाद इन छात्र नेताओं की पीठ थपथपाने के लिये राहुल गंाधी वामपंथी नेताओं के साथ जेएनयू पहुंचे थे।

हिन्दू समुदाय के विरूद्ध दलितों को भड़काने की दृष्टि से ही रोहित वेमुला के मुद्दे पर हैदराबाद युनिवर्सिटी पहुंचकर इन्हीं नेताओं ने अलगाववादी हिंसा का वातावरण उत्पन्न किया था।

अब सवर्ण आंदोलन को हिंसात्मक बनाकर देश को बांटने की साजिश कांग्रेस कर रही है। यहॉ यह उल्लेखनीय है कि हिंसा जहॉ भड़की है वे प्रांत राजस्थान और मध्यप्रदेश ही हैं जहॉ पर विधानसभा के चुनाव होने हंै। बिहार तो  इस प्रकार की हरकतों के लिये साफ्ट कार्नर रहता ही है।

सच पूछा जाये तो केम्ब्रिज एनालिटिका और हॉवर्ड युनिवरसिटी के प्रोफेसर जॉर्डिंग के कहने पर ही यह सब अप्रजातांत्रिक हिंसात्मक अलगाववादी गतिविधियां कांग्रेस कर रही है।

कैंब्रिज एनालिटिका और हावर्ड युनिवर्सिटी के प्रोफेसर के कहने पर बदलता रहता है कांग्रेस और राहुल गांधी का डीएनए!

केम्ब्रिज एनालिटिका के जरिए राहुल गांधी ने फेसबुक से डाटा चुराये थे? अभी कुछ दिनों पूर्व जब राहुल गांधी जर्मनी और यूके की यात्रा पर गये थे तब उन्होंने हावर्ड के प्रोफेसर जोर्डिंग को 2019 लोकसभा चुनाव के लिये अपना सलाहकार नियुक्त किया।

प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलने के चक्कर में राहुल गांधी ने सेना के शौर्य पर ही उठा दिए सवाल, सोशल मीडिया में लगी क्लास

रविवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर अपने एक ट्वीट से केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार प्रहार किया। उन्होंने ट्वीट में भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर मोदी सरकार को कायर तक बता डाला। उन्होंने अपने ट्वीट में ये भी कहा कि इस कायरता की ही वजह से चीन भारत की जमीन लेने की हिम्मत कर सका है।
राहुल ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री के सिवा हर कोई भारतीय सेना की क्षमता और वीरता में विश्वास करता है। जिनकी कायरता ने चीन को हमारी जमीन लेने की अनुमति दी। जिनके झूठ से यह सुनिश्चित होगा कि वे इसे बनाए रखेंगे।Ó राहुल ने मोदी सरकार पर प्रहार जरूर किया लेकिन उनके इस ट्वीट पर जिस तरह के रिप्लाई आए, उससे लगता यही है कि उनका मोदी सरकार को घेरना उल्टा पड़ गया।
राहुल के इस ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा कि, ‘लेकिन तुम और तुम्हारे जिहादी फोलोवर तो फिर से भारत के टुकड़े करना चाहते हो, लेहरू ने पाकिस्तान दिया, बलोचिस्तान दिया, क्कश्य दिया, अक्साई चीन दियाज् और तुम रोजाना अखंड भारत की बात करते हो चिल्लम लगाकर।Ó
अभिषेक द्विवेदी

कश्मीर घाटी में कहीं भी तिरंगा दिख जाए तो खून खराबा करने की धमकी देने वालों के सीने पर आज तिरंगा लहरा रहा है,
वर्तमान समय की अधिकांश मजहबी समस्याओं के मूल में यही भय की अनुपस्थिति है जो अब पैदा करनी पड़ेगी
तुलसीदासजी ने सही कहा था ……..भय बिनु प्रीत न होई गुसाईं..

राहुलजी, वो 43000 वर्ग किलोमीटर जमीन जो आपके पडनाना के समय चीन ने कब्जा कर लिया था, उसके बारे में बताईये ना.
आपके पडनाना ने तो सदन में उत्तर दिया था कि वहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता..
अभी कितने वर्ग किलोमीटर पर चीन ने कब्जा किया है??
44000 या……

6 वर्ष की भक्ति ने अयोध्या का नक्शा और जम्मू कश्मीर का इतिहास बदल दिया…

परन्तु 70 वर्ष की चमचागिरी एक अध्यक्ष नहीं बदल पाई ????

पीएम मोदी तो कायर हैं, उन्हें हिन्द की सेना पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है?
बहादुर तो चचा नेहरू थे, जिन्होंने 40,000 वर्ग किलोमीटर भूमि चीन को दान में दी थी?
बहादुर तो आपका कुनबा है, जिसने चीनीयों के साथ प्तरूश किया और जो रात के अंधेरे में चीनीयों से मिले?

ये फिर आगया गांजे की पुडिय़ा चढ़ा के लद्दाख चीन पर ज्ञान बांटने, कोई इस नशेड़ी को बताओ भारत के क्करू अब नरेंद्र मोदी है, नकि रोबट मनमोहन सिंह????

चाइना जमीन को लेकर अगर कलको इन महाज्ञानी राहुल गांधी को हार्ट अटैक आजाता है राजीव त्यागी की तरह तो आरोप मोदीजी पर लगना तेय है।
ये तो 2-र का गाँजा फूँक कर सुरु होजाता है, फिर भुगते पूरा देश ????

 ‘जहां हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है’

चेतन चौहान
पूर्व क्रिकेटर व मंत्री

( राष्ट्रीय एकता पुस्तक में 1992 में चेतन जी द्वारा प्रकाशनार्थ भेजा गया एक संस्मरण )

दिल्ली जैसे महानगर में, 218 नार्थ एवेन्यू के कक्ष में मैं जब भी अकेले बैठने का अवसर पाता, राश्टंीय भावनाओं से ओत  प्रोत ”एकता यात्रा’ के विशय में मनन करता रहता। एैसे  पवित्र विचार से मेरा मन गुलाब के समान महक उठता।  प्रतिदिन प्रात: नित्य कर्म पद्धति से निवृत हो जब एक बड़े  पार्क में वायु सेवन एवं व्याम के लिए जाता, तो पेड़  पत्तों, फूलों-कलियों में तथा चिडिय़ों की सरस बोलियों  में मुझे एकता यात्रा के दषर््न होते एवं मंत्र सुनने को  मिलते। अंतत: वह दिन आया और मेरा उल्लास कचनार  की तरह खिल कर महक उठा। अपने कुछ साथियों के  साथ अपनी जिप्सी से जमू के लिए चल पड़ा मन में  आतुरता इतनी बिखर रही थी कि चालक के भार मैंने  स्वयं ही संभाला।

 25 जनवरी 1992 की भोर में हम जम्मू में थे।  थक गई आँखे यह देखते देखते कि सम्पूर्ण भारत के कोने कोने से वहां  आये हुए देषभक्तों का एक सागर उमड़ रहा था। लगभग डेढ़ लाख लोगों के ठहरने  खाने पीने आदि की व्यवस्था करने वालों का मैं आभारी हूं। इतने बड़े  जन-समुदाय को किसी भी प्रकार का कोई कश्ट नहीं हुआ।  मुझे जिस बस से श्रीनगर जाना था दुर्भाग्यवष विलम्ब होने के कारण  वह बस मेरे से छूट गई। इस समय मुझे भारी हताषा हुई। मैं एक असफल  पथिक की भांति चिन्ताग्रस्त था। मेरे पिता श्री नौरतन सिंह चैहान आर्मी में  कर्नल रहे थे। अत: एक वीर सैनिक का पुत्र होने के नाते मैंने साहस नही  त्यागा। किसी प्रकार मुझे पता चला कि कुछ ही समय पष्चात् एक विमान काष्मीर  जाने वाला है। अत: विधुत गति से मैं सक्रिय हो गया। 

मैं उ.प्र.भाजपा अध्यक्ष श्री  कलराज मिश्र तथा कुछ अन्य व्यक्तिओं से मिला एवं श्रीनगर के लाल चैंक जाने  का संकल्प दोहराया अन्त में किसी प्रकार मेरा नाम भी जाने वालों की सूची में  जोड़ दिया गया।  समय कम था। अत: ब्रीफकेस को छोड़ मैंने अपने कुछ वस्त्र प्लास्टिक  की एक थैली में रखे एवं बताये गये समय से कुछ पूर्व विमान स्थल पर पहुंच  गया। प्रतिक्षा की घड़ी आ गई। हम लगभग 70 यात्री विमान में सवार हुए और  भारत माता की जयघोश के साथ काष्मीर की सर्द हवा में विमान तैरने लगा। मात्र  पन्द्रह मिनट बाद हम श्रीनगर की धरती पर जा उतरे। सुरक्षा प्रबंधो के बीच हम  लोगों को ठहरने के स्थान पर ले जाया गया। ठहरने के हाल में घुसते ही भारत माता की जय एवं वन्दे मात्रम के गगनभेदी नारों के स्वर सुनाई दिये। 

 देखने पर पता चला कि हमारे कुछ साथी व्यक्तिगत रूप से हमसे पूर्व ही एक अन्य  विमान द्वारा श्रीनगर पहुंच गये थे और उनको घूमते हुए सुरक्षा कर्मियों ने पकड़  कर हाल में बिठा लिया था। हम सभी ने उनके इस अदम्य साहस के लिये उनको  भरपुर बधाई दी। चाय, रात्रि भोजन एवं कुछ पारस्परिक चर्चा के उपरान्त हम लोग  निषा की गोद में निर्भय होकर सो गये। भोर होते ही हम लोग उठे। षौच आदि  से निवृत्त हो, अल्पाहार किये एवं लाल चैंक के लिए चल पड़े। लाल चौक में  पहुंचने के उपरान्त पन्द्रह मिनिट के ध्वजारोहण से पहले समारोह में प्रथम  डाक्टर मुरली मनोहर जोषी ने सिकोड़े जा सकने वाले खम्भे पर कन्याकुमारी से  लाया गया तिरंगा फहराया, जो उन्हें षहीद भगत सिंह और राजगुरू के भाईयों  तथा अब्दुल हमीद के पुत्रों ने दिया था।  इसके उपरांत लाल चैंक पर गड़े स्थायी खंभे पर एक  और अषोक चक्रांकित तिरंगे का आरोहण किया गया  तथा राश्टंगान एवं राश्टंीय उद्बोधन के उपरांत समारोह  समाप्त हो गया।

 समारोह के समय भारतीय जनता पार्टी  के 16 सांसद, 10विधायक, 3 राज्य इकाईयों के अध्यक्ष,  तथा आधा दर्जन केसरिया वाहिनी के कार्यकर्ता भी  उपस्थित थे। पार्टी के उपाध्यक्ष सिकन्दर बख्त और  कृश्णलाल षर्मा के नेतृत्व में श्रीनगर गये इस दल में  सांसद सुश्री उमा भारती, वसुन्धरा राजे, सत्यनारायण  जटिया, मदनलाल खुराना और कलराज मिश्र प्रमुख थे।  ठहरने के स्थान से हम एकता यात्रियों तथा पत्रकारों  को लाल चैंक सीमा सुरक्षा बलों की दो बसों में ले जाया गया था। उस समय  कोहरे की ष्वेत चादर में सम्पूर्ण श्रीनगर ढ़ंका हुआ था। ध्वजारोहण के समय श्री  जोषी ने कष्मीरी टोपी तथा क्रीम रंग की फिहरन और सलवार पहनी हुई थी।  यात्रियों ने नारा लगाया-”जहां हुए बलिदान मुखर्जी कह कष्मीर हमारा है।”

  झंड़ा समारोहण के उपरान्त हम लोग विमान द्वारा ही जम्मू वापस आ  गये कोहरे से ढ़के काष्मीर की धरती पर सुरज की सुनहरी किरणें बिखर कर  वातावरण की छटा वृद्धि कर रही थी। केसर की क्यारियां, विविध कलियां एवं  फूल लजा कर खिलखिला रहे थे। इस गर्जनापूर्ण अभियान में सुरक्षा बलों का  मनोबल अत्याधिक बढ़ाया है। देष प्रेमियों के मन में राश्टंीय चेतना जागृत हुई  है। विष्व जान गया है कि विष्व की कोई भी षक्ति काष्मीर को भारत से अलग  नीहं कर सकती। एकता यात्रा अभियान की यह महानत्म सफलता है। मैं इस  यात्रा को जीवन भर नहीं भूल सकता। भाषा, प्रान्त, धर्म से बढ़कर सर्वाधिक महत्व  की बात यह है कि हम सब भारतीय हैं। अनेकता में एकता ही हमारी विषेशता  है।

राष्ट्रीय एकता

1992 में राजेश अग्रवाल द्वारा प्रकाशित

Book Link :- bit.ly/2BsFnpO