दरअसल कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए यह गाइड लाइन सरकार ने जारी की है। बता दें कि कोरोना मरीजों में सामान्यतः सर्दी, खांसी और बुखार प्रारंभिक लक्षण माने जाते हैं। ऐसे में आम लोग ऐसी शिकायत आने पर दवा दुकानों में दवाई लेकर सेवन कर लेते हैं। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस लक्षण के मरीजों में कोरोना की शिकायत अधिक सामने आती है। ऐसी स्थिति में दवा दुकानों में सर्दी, खांसी, बुखार की दवाई लेने के लिए पहुंचने वाले लोगों का पता, नाम और नंबर रजिस्टर में लिखकर रखा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ऐसा करने से जिस क्षेत्र में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज अधिक सामने आते हैं, वहां के मरीजों की हिस्ट्री खंगालकर कोरोना संक्रमितों को चिन्हित किया जा सकता है, इसलिए सभी के नाम और नंबर लिए जा रहे हैं। मेडिकल दुकान संचालकों ने बताया कि कई मरीज अपना नाम, पता और नंबर देने से इन्कार कर दे रहे हैं। ऐसे में उन्हें दवा नहीं दी जाती है। दवा दुकानों से सर्दी, खांसी, बुखार वाले मरीजों की जानकारी एकत्र कर उन्हें खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी जानकारी एकत्र करते हैं। इसके बाद इन्हें स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराया जा रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग मरीजों की स्थिति का आकलन कर रहा है, ताकि कुछ जगह सर्वे शुरू कराया जा सके, क्योंकि इससे पहले भी मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित मरीजों का सर्वे किया गया है।
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