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भारत के प्रमुख नेता और आर्मी अफसर आज मीटिंग करेंगे

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आर्मी लेवल की बातचीत के कई राउंड के बाद भी चीन लद्दाख में फिंगर एरिया, देप्सांग और गोगरा से अपने सैनिक पीछे नहीं हटा रहा। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आज देश के प्रमुख नेताओं और आर्मी अफसरों की मीटिंग होगी। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। मीटिंग में कौन से नेता शामिल होंगे, यह जानकारी नहीं मिल पाई है।

एजेंसी के मुताबिक चीन के सैनिक 3 महीने से फिंगर इलाके में जमे हुए हैं। उन्होंने विवादित इलाके से पीछे हटने की बजाय वहां बंकर निर्माण कर अपना बेस बढ़ाना शुरू कर दिया है। भारत और चीन के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत दौलत बेग ओल्डी में करीब एक हफ्ते पहले हुई थी। उस मीटिंग में भारत ने चीन से कहा था कि पेट्रोलिंग पॉइंट 10,11,12 और 13 पर भारतीय जवानों की गश्त में रुकावट डालने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।

चीन का कहना है कि भारत को दौलत बेग ओल्डी और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पीछे हटना चाहिए, लेकिन भारत साफ कह चुका है कि उसने अपने इलाके में ही कंस्ट्रक्शन किया है और पहले चीन ने इस तरह की कार्रवाई की थी। दौलत बेग ओल्डी सेक्टर के दूसरी तरफ चीन ने लंबी रेंज की तोपें और बख्तरबंद गाड़ियां तैनात कर रखी हैं। चीन की किसी भी कार्रवाई का जवाब देने के लिए भारत ने भी तैयारी कर रखी है।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन अप्रैल-मई से आक्रामकता दिखा रहा है। उसने कुंगरांग नाला, गलवान वैली और दूसरे इलाकों से भारतीय सीमा में घुसपैठ भी की है।

गलवान वैली में भारत-चीन के बीच 15 जून को हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी करीब 35 सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने कभी माना नहीं। गलवान की झड़प के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से बातचीत में चीन इस बात पर राजी हुआ कि विवादित इलाकों से पीछे हट जाएगा। पहले फेज का डिसएंगेजमेंट पूरा भी हो गया, लेकिन कई इलाकों में चीन फिर से अड़ियल रवैया अपना रहा है।

चीन फिंगर एरिया से हटने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि वह फिंगर-5 के आस-पास 30 सैनिकों के जरिए निगरानी रखेगा। भारत का साफ कहना है कि विवाद वाले सभी पॉइंट से चीन को पूरी तरह हटना पड़ेगा।