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प्रदेश गणेश चतुर्थी में गणेश पंडालों पर रोक से संकट में मूर्तिकार

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देश में 22 अगस्त से गणेश चतुर्थी का बड़ा त्योहार मनाया जाएगा. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है लेकिन इस बार कोरोना ने विघ्नहर्ता के सार्वजनिक कार्यक्रमों में ही विघ्न डाल दिया है. मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण शिवराज सरकार ने फैसला लिया है कि आगामी गणेश उत्सव के दौरान गणेश पंडालों को अनुमति नहीं दी जाएगी और ना ही ऊंची मूर्ति स्थापित करने की इजाजत होगी.

एक तरफ इससे भक्तों में निराशा है तो दूसरी तरफ गणेश मूर्तियां बनाने वालों के सामने इस फैसले के कारण बड़ा संकट खड़ा हो गया है. ‘आजतक’ ने भोपाल में ऐसे ही मूर्तिकारों की वर्कशॉप पर जाकर मूर्तिकारों से बात की और जाना कि सरकार का ये फैसला उनके लिए कितना बड़ा झटका है.

‘आजतक’ की टीम भोपाल के करोंद इलाके में पहुंची. यहां कई मूर्तिकार हैं, जो साल भर सिर्फ गणेश चतुर्थी और नवरात्रि का इंतजार करते हैं, लेकिन आजकल इनके चेहरे पर मायूसी है. ‘आजतक’ ने सबसे पहले मूर्तिकार राकेश प्रजापति की वर्कशॉप का रुख किया. राकेश प्रजापति करीब 30 साल से मूर्तियां बना रहे हैं.

आजतक’ की टीम भोपाल के करोंद इलाके में पहुंची. यहां कई मूर्तिकार हैं, जो साल भर सिर्फ गणेश चतुर्थी और नवरात्रि का इंतजार करते हैं, लेकिन आजकल इनके चेहरे पर मायूसी है. ‘आजतक’ ने सबसे पहले मूर्तिकार राकेश प्रजापति की वर्कशॉप का रुख किया. राकेश प्रजापति करीब 30 साल से मूर्तियां बना रहे हैं.

22 अगस्त से गणेश चतुर्थी का त्योहार शुरू होना है और राकेश की मानें तो उन्होंने करीब 3 महीने पहले से ही मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया था. अब यहां मूर्तियां तो बन रही हैं लेकिन राकेश को इस बात का डर सता रहा कि इन्हें खरीदेगा कौन?

‘आजतक’ से बात करते हुए राकेश ने बताया, ‘मेरी वर्कशॉप में करीब 10 कारीगर मध्य प्रदेश और बंगाल से हैं जो लगातार मूर्तियां बनाने में जुटे हैं. पहले हम बड़ी गणेश प्रतिमाएं भी बना रहे थे लेकिन गृहमंत्री के बयान के बाद अब सारा ध्यान छोटी मूर्तियों पर है. हमारी कमाई के दो सीजन गणेश चतुर्थी और नवरात्र ही होते हैं और इसमें भी सबसे ज्यादा डिमांड बड़ी मूर्तियों की होती है. ऐसे में छोटी मूर्तियां बनाने में न तो लागत निकलेगी और न ही कारीगरों की तनख्वाह.’