Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

CM के आदेश का भी नहीं असर, स्वास्थ्य विभाग में सरकारी क्वाॅर्टर का अनुबंध कर्मियों को आवंटन, अब मजिस्ट्रेट से होगी जांच

झारखंड में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के सरकारी क्वाॅर्टर का आवंटन अनुबंध कर्मियों में किया गया है। सिविल सर्जन कार्यालय पर आरोप लगा कि सरकारी क्वाॅर्टर 18 अनुबंध कर्मचारियों से पैसे लेकर आवंटित किए गए हैं। सरकारी कर्मचारी एक ओर सरकारी क्वार्टर में नहीं रह रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार से आवास भत्ता भी उठा रहे हैं। जबकि इनकी जगह क्वार्टर में अनुबंध कर्मचारी रह रहे हैं।

25 Jan 2024

धनबाद : आम लोगों की शिकायत सरकारी कार्यालय में महीनों टेबल पर रह जाते हैं, लेकिन जब मुख्यमंत्री के आदेश की फाइल तीन माह से ज्यादा सरकारी कार्यालय को फाइलों में दब जाए, तो इसे क्या कहेंगे। मामला सिविल सर्जन कार्यालय का है।

सेटिंग करके किया गया सरकारी क्वाॅर्टर का आवंटन

सिविल सर्जन कार्यालय पर आरोप लगा कि सरकारी क्वाॅर्टर 18 अनुबंध कर्मचारियों से पैसे लेकर आवंटित कर दिया गया है। आवंटित किए गए कर्मचारियों के नाम और पदनाम भी मुख्यालय को दिए गए।अक्टूबर, 2023 में मुख्यमंत्री जन संवाद में इसकी शिकायत की गई। इसके बाद अक्टूबर में ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने उपायुक्त धनबाद को आदेश देते हुए इसकी जांच करने का निर्देश दिया, लेकिन जांच का आदेश सिविल सर्जन कार्यालय के टेबल पर आकर दम तोड़ दिया।

मामले पर उपायुक्त वरुण रंजन काफी नाराज हुए और इसकी फिर से जांच करने का निर्देश एडीएम (ला एंड आर्डर) को दिया है। अब पूरे मामले की जांच मजिस्ट्रेट की नियुक्ति में फिर से की जाएगी।मजिस्ट्रेट की निगरानी में जांच के आदेश आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सेटिंग करके क्वाॅर्टर आवंटित करने वाले पदाधिकारी और कर्मचारी भी सकते में हैं।

आवास भत्ता ले रहे सरकारी कर्मी, क्वार्टर में अनुबंध कर्मी

सिविल सर्जन कार्यालय में सरकारी कर्मचारी एक ओर सरकारी क्वार्टर में नहीं रह रहे हैं, तो दूसरी ओर सरकार से आवास भत्ता भी उठा रहे हैं। जबकि सरकारी कर्मी की जगह क्वार्टर में अनुबंध कर्मचारी रह रहे हैं।

ऐसे में सरकार को आवास भत्ता देने के नाम से हर माह डेढ़ लाख से ज्यादा राजस्व की हानि हो रही है। शिकायत में बताया गया है कि तत्कालीन सिविल सर्जन व कार्यालय के कर्मी ने सेंटिंग करके पैसे की उगाही की, इसके बाद नियमों को दरकिनार कर क्वार्टर आवांटित कर दिया।

मुख्यमंत्री से इन कर्मचारियों की शिकायत की गई

सीएस ऑफिस की डीडीएम सीमा कुमारी, सीएस ऑफिस के गौतम कुमार सिंह, सदर सीएचसी के एमओ आरबीएसके डा. सोनू प्रिया व डॉ अर्चना, एसएनएमएमसीएच के विवेक कुमार, सदर सीएचसी के डाटा इंट्री ऑपरेटर तलत परवीन, सदर सीएचसी के डा. हसन अंसारी, सदर अस्पताल के सिटी मैनेजर, मलेरिया कार्यालय के चालक शेखर दसौंदी, सीएस कार्यालय के चालक अरविंद गुप्ता, सदर अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मी और एएनएम सुनीता मंडल को सरकारी आवास दिया गया है। ये अभी अनुबंध कर्मी हैं।

इसके अलावा एचएससी दामोदरपुर की एएनएम रीना शर्मा, कटनिया एचएससी की एनएम श्रद्धा कुमारी, सीएचसी तोपचांची के एचई शेखर कुमार, पीएचसी सिंदरी की क्लर्क कविता कुमारी, यूसीएचसी लोयाबाद के सीएचओ आर्या झा और केंदुआडीह के एमओ होम्योपैथी डा. संजय राय को भी सरकारी आवास दिए गए हैं।