Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

रायपुर के एम्स हॉस्पिटल में पैसे लेकर नौकरी लगाने का खेल 3 कर्मचारियों पर कार्रवाई

Default Featured Image

एम्स रायपुर में आउटसोर्सिंग के पदों पर पैसे लेकर नौकरी लगाने का बड़ा खेल चल रहा है। शिकायत के बाद मामला बढ़ता देख आनन-फानन में आउटसोर्सिंग के तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है, लेकिन एम्स रायपुरमें चल रहे गिरोह को अब तक पकड़ा नहीं गया है। दरअसल एम्स में नौकरी लगाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से लाखों रुपये वसूलने की शिकायत मिली थी। इसके बाद प्रबंधन ने सामने आए तीन आउटसोर्सिंग पर कार्यरत हॉस्पिटल अटेंडेंट आलोक कुमार सिंह, अमर पाल बैरवा, राजू कुमार सिंह पर कार्रवाई की है। इसके अलावा एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर का भी नाम सामने आ रहा है। वहीं गार्ड की नौकरी लगाने के नाम पर भी गिरोह होने की बात संदेह के दायरे में है।

इन पर एम्स में नौकरी के लिए बायोडाटा छोड़ने आने वाले जरूरमंदों या किसी माध्यम से नौकरी के इच्छुक लोगों को फंसाकर पैसे लेने का आरोप है। बताया जा रहा कि बाकायदा इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक एक चेन चल रही थी। इसमें बड़े पैमाने पर हॉस्पिटल अटेंडेंट, गार्ड और कम्प्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती के लिए गिरोह सक्रिय होने की बात सामने आ रही है। मामले में एम्स प्रबंधन सफाई देते हुए ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील की है। वहीं आउटसोर्सिंग बेसिल एजेंसी के सुपरवाइजर मुकेश साहू ने बताया कि एम्स प्रबंधन से हमारे पास आउटसोर्सिंग के स्टाफ को निकालने के लिए नाम आया था। एजेंसी ने उन्हें निकाल दिया है। एम्स में कम्प्यूटर ऑपरेटर, हॉस्पिटल अटेंडेंट, सफाई कर्मचारी, गार्ड, लिफ्ट समेत अन्य पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। इसकी नियुक्ति एजेंसी के माध्यम से होती है। लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि आउटसोर्सिंग के इन पदों पर 50 हजार से ढाई लाख रुपये तक मांगे जा रहे हैं। यदि इन कर्मचारियों से पूछताछ किया जाए तो एम्स से जुड़े बड़े आला अधिकारियों के पोल खुलने की बात भी सामने आ रही है। नौकरी लगाने के नाम पर पैसे लेने की शिकायत सामने आने पर तीन-चार लोगों को निकाला गया है। यह सभी आउटसोर्सिंग के कर्मचारी थे। आउसोर्सिंग एजेंसियां छंटनी कर कर्मचारियों का नाम भेजती है, हम इनकी स्क्रीनिंग करते कर रखते हैं। नौकरी लगाने के नाम पर पैसे लेने की शिकायतें हों तो प्रबंधन को सीधे आकर बताएं।