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अवैध खनन धंसने की जांच समिति समिति के लिए

देर। झारखंड के मृत जिले में शुक्रवार को भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के भौरा कोयला खदानों में अवैध खनन के दौरान हुई दुर्घटना में तीन लोगों की मौत के मामले में प्रशासन ने शनिवार को जांच के लिए एक समिति की बैठक की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इसमें दो कैथोलिक प्रयोगशाला समिति में पुलिस उपाधीक्षक, सिंदरी अभिषेक कुमार और झरिया के क्षेत्रीय अधिकारी (सीओ) परमेश कुशवाहा शामिल हैं।

डॉ. संदीप सिंह ने कहा, बीसीसीएल के भौरा कोलियरी क्षेत्र में हुई घटना की जांच के लिए दो असबाब समिति की जांच की गई है। समिति 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करें। सिंह ने कहा, ‘बीसीसीएल के खिलाफ घटना के संबंध में भी रिपोर्ट खाली है और अगर मामले में ‘आउटसोर्सिंग’ कंपनी की गलती हो गई तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

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बीसीसीएल के भौरा कोयला खदान क्षेत्र में शुक्रवार को जब बड़ी संख्या में लोग अवैध कोयला खनन कर रहे थे तब सहसा खदान की छत भरभराकर उनका ऊपरी हिस्सा गिर गया, जिससे खदान के नीचे दबकर तीन लोगों की मौत हो गई। घटना शुक्रवार को भोर कोलियरी क्षेत्र से करीब 21 किलोमीटर दूर सुबह करीब साढ़े 10 बजे हुई।

अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान के पत्थर (16), सावेत (22) और मदन (25) के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि भौरा कोलियरी क्षेत्र के महाप्रबंधक एस. एस. दास ने माना कि खनन क्षेत्र में प्रवेश पर रोक के बावजूद कुछ लोग वहां अवैध खनन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। दास ने कहा कि इस घटना की जांच के आदेश नीचे दिए गए हैं और इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही वह स्थिति पर कोई टिप्पणी करेंगे। यह पूछे जाने पर कि पुलिस ने किस मामले में मामला दर्ज किया है, इस पर दास ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा।

उन्होंने शुक्रवार रात कहा कि बचाव अभियान रोक दिया गया है क्योंकि मालबा से बाहर निकलने के बाद वहां कोई नहीं मिला। झरिया के प्रमुख पूर्णिमा नीरज सिंह ने आरोप लगाया कि इलाके में लंबे समय से अवैध खनन किया जा रहा था। उन्होंने कहा, मैं पिछले तीन साल से लगातार कह रहा हूं कि किसी भी दिन दुर्घटना हो सकती है। अवैध खनन के साथ-साथ क्षेत्र में अवैध खनन का उल्लंघन किया जा रहा है। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। (भाषा)