प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रव्यापी वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के पांचवें संस्करण के परिणामों की घोषणा गुरुवार (20 अगस्त) को करेंगे। सर्वेक्षण के पहले संस्करण में भारत में सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मैसूर ने हासिल किया था। इंदौर लगातार तीन साल तक (2017, 2018, 2019) में शीर्ष स्थान पर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन शहरीय (एसबीएम-यू ) में साथ रहे आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के भागीदार संगठनों यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआइडी), बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) और गूगल को भी साथ लाया जाएगा और उनका सम्मान किया जाएगा। इस आशय की जानकारी केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ने दी। मंत्रालय के प्रवक्ता राजीव जैन ने मंगलवार को कहा कि 4,242 शहरों से 1.87 करोड़ लोगों ने इस सर्वे में भाग लिया है। इसमें 62 छावनी बोर्ड व गंगा के आसपास बसे 92 कस्बे शमिल हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ महोत्सव का आयोजन कर अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों और शहरों को कुल 129 पुरस्कार दिए जाएंगे। केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ही इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फें्रसिंग के माध्यम से चुनिंदा लाभार्थियों से बातचीत भी करेंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का कार्य 28 दिन में पूरा किया गया है। स्वच्छता एप पर 1.7 करोड़ नागरिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया। सोशल मीडिया पर 11 करोड़ से ज्यादा बार इसे देखा गया। 5.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम से जोड़े गए और कचरा बीनने के काम में लगे 84,000 से ज्यादा लोगों को मुख्यधारा में लाया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत सरकार द्वारा इस मिशन को लेकर लोगों में रुचि और प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए शुरू की गई थी। इससे सबसे स्वच्छ शहर बनने की दिशा में शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा हुई।
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