Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

‘जाति कोई भी हो लेकिन हिंदुस्‍तान में रहने वाले सभी हिंदू’ रांची में बोले RSS के पूर्व सरकार्यवाह भय्याजी जोशी

राष्ट्र संवर्द्धन समिति की ओर से आयोजित सामाजिक सदभाव एक चिंतन विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह व वर्तमान में अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने अपने विचार रखे। उन्‍होंने कहा कि यह देश का स्‍वर्णिम काल है। यह भी कहा कि हम एक होकर अपने राष्ट्र को फिर से विश्वगुरू का दर्जा दिला सकते हैं और विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बना सकते हैं।

13 Feb 2024

रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह व वर्तमान में अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने सोमवार को रांची में कहा कि हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि आजाद भारत में जन्म लिए और परिवर्तन के कालखंड का अनुभव कर रहे हैं।

एकजुट हो राष्‍ट्र को दिला सकते विश्‍वगुरू का दर्जा : भय्याजी

उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है और यह देश का स्वर्णिम काल है। उन्होंने कहा कि भारत अग्रणी और सर्वोपरि देश तभी बन सकता है जब यहां के सभी नागरिक एक हो। क्षेत्र, प्रांत, जाति, लिंग, धर्म व अन्य आधार पर अलग-अलग खांचों में बंटकर हम देश की तरक्की नहीं कर सकते। देश की विविधता और अपार जनशक्ति हमारी ताकत है। यह समझना होगा। विभाजनकारी शक्तियां अलगाववाद के बीज बोकर समाज को बांटने की कोशिश करते हैं। उनसे हमें सावधान रहना है। हम एक होकर अपने राष्ट्र को फिर से विश्वगुरू का दर्जा दिला सकते हैं और विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बना सकते हैं।

‘हिंदुस्‍तान में होकर सभी हिंदू’

जातियों की बात होती रहेगी, तो समाज टुकड़ों में बंट जाएगा। हम 140 करोड़ नहीं रह कर चंद लोगों में सिमट कर रह जाएंगे। हम सब एक हैं का भाव को केंद्र में रखकर सभी दूरियों को खत्म करना होगा। कोई किसी भी जाति के हो, लेकिन हिंदुस्तान में होने की वजह से सभी हिंदू हैं, यह भाव लाना होगा। यही राष्ट्रीयता की भावना है।

भय्याजी जोशी सोमवार को रांची में राष्ट्र संवर्द्धन समिति की ओर से आयोजित सामाजिक सदभाव, एक चिंतन विषय पर आयोजित संगोष्ठी में अपनी बात रख रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले सभी लोग आपस में शत्रु नहीं हो सकते हैं। समाज में भेदभाव मनुष्य निर्मित है। इसको समाप्त करने का काम करना होगा।भय्याजी ने अपने संबोधन में दहेज प्रथा, कन्या के जन्म पर दुख प्रकट किए जाने और भ्रष्ट्राचार पर भी प्रहार किया। उन्होंने लोगों से आपसी भेदभाव भुलाकर आगे बढ़ने की अपील करते हुए कहा कि अपनी जाति पर सभी को गर्व हो सकता है। उसे मिटा भी नहीं सकते हैं, परंतु जातिवाद से हमें मुक्ति चाहिए।

समय के साथ समाज में कई तरह की विसंगतियां आईं

भय्याजी ने कहा कि भारतवासियों ने सैकड़ों वर्षों तक कष्ट सहे हैं। देश को भिन्न भिन्न तरीकों से समाप्त करने के कई बार प्रयास हुए। कई संघर्ष हुए, इसके बाद भी भारत वहीं हैं। काल के प्रवाह में कई तरह की विसंगतियां आती गई। कई गलत परंपराएं व धारणाएं आज भी हैं। उसी में जातिवाद भी एक तरह की विसंगति है। जाति के आधार पर जातीयता विकसित हुई, फिर जातिवाद आया। आज जाति के आधार पर ऊंच-नीच तय होते हैं, जबकि पहले नहीं था। ये ऊंच-नीच की विकृतियां कहीं से भी शास्त्र सम्मत नहीं है। हम हमारे द्वारा बनाया हुआ है।

समाज में भ्रष्टाचार कहां से आया 

भय्याजी ने भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए कहा कि यह समाज में कहां से आया। इस भ्रष्टाचार की सीमा नहीं है। लोग पैसा कमाने पर उतारू हैं। समाज में नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है। हिंदू चिंतन के विपरीत यह चल रहा है। कार्यक्रम के प्रारंभ में आरएसएस के क्षेत्र सामाजिक सदभाव प्रमुख राकेश लाल ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि हम सब हिंदू हैं। अपना समाज संगठित हो ताकि राष्ट्र सशक्त हो सके।

हिंदू समाज को तोड़ने का प्रयास चल रहा है। ऐसे गंभीर विषय पर हम सबको चिंतन करना है। मंच पर क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन और विभाग संघचालक विवेक भसीन थे। धन्यवाद ज्ञापन प्रांत संपर्क प्रमुख राजीव कमल बिट्टू ने किया। मौके पर प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल अग्रवाल, सह प्रांत संघचालक अशोक श्रीवास्तव, प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा, पद्मश्री अशोक भगत, विजय घोष, धनंजय सिंह, राजीव कमल बिट्टू, सिद्धिनाथ सिंह,अनिल ठाकुर सहित शहर के गण्यमान्य लोग एवं संघ के समवैचारिक संगठनों के कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।