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महाकाल मंदिर में भस्म आरती में मनाया गया वसंतोत्‍सव, पीले फूल और गुलाल अर्पित किया

भगवान को केसरिया पकवानों का भोग लगाया गया। तड़के भस्म आरती में भगवान का केसरिया पंचामृत से अभिषेक कर पीतांबर धारण कराकर वासंती फूलों से शृंगार किया गया।

14 Feb 2024

उज्जैन : ऋतुराज वसंत के आगमन का पर्व वसंत पंचमी आज मनाया गया। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सबसे पहले भस्म आरती में वसंत उत्सव मनाया गया। पुजारियों ने केसरिया पंचामृत से भगवान का अभिषेक पूजन कर भगवान को वसंत के पीले फूल व गुलाल अर्पित किया।पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिर में 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी। सिंहपुरी स्थित प्राचीन सरस्वती माता मंदिर में देवी सरस्वती का स्याही से अभिषेक होगा।

गुरुकुल, वेद विद्यालय व स्कूल कालेजों में ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी।पं.महेश पुजारी ने बताया ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में वसंत पंचमी पर भगवान महाकाल को वसंत के रूप में सरसों के पीले फूल तथा गुलाल अर्पित की जाती है। भगवान को केसरिया पकवानों का भोग लगाया जाता है। बुधवार को तड़के भस्म आरती में भगवान का केसरिया पंचामृत से अभिषेक किया गया। भगवान को पीतांबर धारण कराकर वासंती फूलों से शृंगार किया गया। पुजारियों ने आरती में पीले रंग के सोले कपड़े कर उत्सव मनाया। पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में वसंत पंचमी से 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी।

भगवान कृष्ण को लगेगा केसरिया भात का भोग

भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में भी वसंत उत्सव मनाया जाएगा। पुजारी पं.रूपम व्यास ने बताया केसर व सरसों के फूल मिश्रित जल से भगवान का अभिषेक-पूजन होगा। भगवान को पीतांबरी पोशाक धारण कराई जाएगी। पश्चात केसरिया भात का भोग लगाकर आरती की जाएगी। भक्तों को महाप्रसादी का वितरण होगा। साल में केवल एक बार वसंत पंचमी के दिन भगवान को केसरिया भात का भोग लगाया जाता है।