वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन (WMCC) की 18वीं मीटिंग में दोनों देशों के जॉइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में पूर्वी लद्दाख में डी-एस्क्लेशन यानी सैन्य उपकरण और ठिकानों को हटाने पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। चीन कई विवादित इलाकों में पीछे नहीं हट रहा है।डब्ल्यूएमसीसी की 17वीं बैठक पिछले महीने हुई थी। उसमें दोनों देश इस बात पर राजी हुए थे कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पूरी तरह डिसएंगेजमेंट यानी सैनिकों को पीछे हटाने की प्रोसेस जल्द पूरी कर ली जाएगी। इस बात पर भी सहमति बनी थी कि रिश्ते सुधारने के लिए एग्रीमेंट और प्रोटोकॉल के मुताबिक बॉर्डर के इलाकों में डी-एस्क्लेशन कर पूरी तरह शांति रखना जरूरी आर्मी और डिप्लोमैटिक लेवल की कई राउंड की बातचीत के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख के फिंगर एरिया, देप्सांग और गोगरा इलाकों से पीछे नहीं हट रहा। चीन के सैनिक 3 महीने से फिंगर एरिया में जमे हुए हैं। अब उन्होंने बंकर बनाने और दूसरे अस्थायी निर्माण करने भी शुरू कर दिए हैं।
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