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Editorial :- SC आर्डर के बाद महाराष्ट्र सरकार डिप्रेशन में, सुशांत जैसा क्या हो जायेगा हाल?

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By Premendra Agrawal

20 Aug 2020

सुशांत सिंह राजपूत डिप्रेशन में थे। उन्हें एक साजिश के तहत दवाईयों का ओवरडाज दिया गया, इससे भी वे डिप्रेशन में हुए। इसके बाद उनकी स्वाभाविक या अस्वाभाविक मौत हो गई। 

सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने आदेश में सुशांत केस को सीबीआई के हवाले कर  कहा है कि महाराष्ट्र पुलिस व सरकार सीबीआई को पूरा इन्वेस्टिगेशन सौंपे और सहयोग दे। 

सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आर्डर के बावजूद,

>> महाराष्ट्र के गृहमंत्री कांग्रेस नेता अनिल देशमुख से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या मुंबई पुलिस सुशांत सिंह राजपूत मामले में एक समानांतर जांच करेगी, तो मंत्री ने केवल यह कहा: “राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुच्छेद 34 के अनुसार सोचेगी।”

इससे ऐसा प्रतीत होता है कि संभव है महाराष्ट्र सरकार के निर्देश पर महाराष्ट्र पुलिस सुशांत केस की समानांतर जांच करे।

यदि समानांतर जांच महाराष्ट्र पुलिस ने की  तो यह आत्मघाती कदम ही होगा। संभव है ऐसा करने से  जिस प्रकार से १३० करोड़ जनता की आवाज के कारण न्याय के लिये सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला देकर पूरा केस सीबीआई जांच करे ये आदेश दिया है उसी प्रकार से संभव है जनता के आक्रोश के बाद महाराष्ट्र सरकार को स्तीफा देना पड़ जाये या तीन टंगड़ी की अघाड़ी सरकार आपस में टकराकर ही खत्म हो जाये। संबंधित समाचार इसी संपादकीय पृष्ठ में अलग से है। 

NCC Cadets से बोले पीएम मोदी, ऐतिहासिक अन्याय को दुरुस्त करने के लिए ष्ट्र्र लाया गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ”ऐतिहासिक अन्याय” को दुरुस्त करने और पड़ोसी देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों से किए गए भारत के ”पुराने
बेहतर होता शाह ष्ट्र्र के समर्थन में उन राज्यों में जाते, जहां हिंसा हुई: ष्टरू कमलनाथ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को कहा कि बेहतर होता यदि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में रैली और जनसभा के लिए
22 दिसंबर 2019 को दिल्ली के रामलीला मैदान में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जारी विरोध प्रदर्शनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि इसको लेकर विपक्ष अफ़वाहें फैला रहा है और यह क़ानून केवल किसी को नागरिकता देने के लिए है न कि नागरिकता छीनने के लिए.
22 दिन बाद रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के दौरे पर बेलूर मठ में छात्रों को संबोधित करते हुए एक बार फिर से नागरिकता संशोधन क़ानून पर सरकार का पक्ष रखा और इसका बचाव किया.
इस बार भी उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि इस पर वो भ्रम फैला रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैंने यह क़ानून कोई रातोंरात नहीं बना दिया है. यह क़ानून नागरिकता छीनने के लिए नहीं है बल्कि देने के लिए है. ष्ट्र्र उन अल्पसंख्यकों के लिए है जिन पर पाकिस्तान में अत्याचार हुआ है. क्या हमें उन्हें नागरिकता नहीं देनी चाहिए? क्या हम इन्हें मरने के लिए पाकिस्तान भेज दें?”
इस बार प्रधानमंत्री ने विपक्ष के साथ-साथ पाकिस्तान को भी निशाने पर लिया लेकिन उन्होंने अफग़़ानिस्तान और बांग्लादेश का इसमें कोई जि़क्र नहीं किया.
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ट्रंप के दौरे से 24 घंटे पहले साजिश की बू
CAA पर हिंसा- कांग्रेस के शत्रुघ्र सिन्हा की पाक में वहॉ के राष्ट्रपति से मुलाकात

क्या टं्रप की भारत यात्रा के पूर्व कांग्रेस के शत्रुघ्र सिन्हा का पाकिस्तान में जाकर वहॉ के राष्ट्रपति से मुलाकात करना एक सुनियोजित तो नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के निर्देश पर इसके पूर्व भी नवजोत सिंह सिद्धूू और मणिशंकर अय्यर जाकर भारत की मोदी सरकार के विरूद्ध जहर ऊगल चुके हैं।नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 22 फरवरी 2020 शनिवार देर शाम से अचानक नए सिरे से विरोध-प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं,पिछले 24 घंटे के दौरान घटी घटनाओं की कडिय़ों को जोड़कर देखने पर जेहन में सवाल उठता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दौरे से ठीक पहले कहीं ये सुनियोजित विरोध-प्रदर्शन तो नहीं है।

जेएनयू में लगे थे नारे : केरल मांगे, बंगाल मांगे , बस्तर मांगे आजादी

CAA के खिलाफ केरल सरकार का प्रस्ताव, बंगाल भी लानेज् टुकड़े-टुकडे गैंग को कांगे्रस-टीएमसी का संरक्षण क्यों? जांच में यह सिद्ध हुआ है कि प्रतिबंधित सिमी और प्रतिबंधित होने वाला
CAA के खिलाफ केरल सरकार का प्रस्ताव, बंगाल भी लाने
टुकड़े-टुकडे गैंग को कांगे्रस-टीएमसी का संरक्षण क्यों?
जांच में यह सिद्ध हुआ है कि प्रतिबंधित सिमी और प्रतिबंधित होने वाला पीएफआई को पाकिस्तान का आईएसआई फंडिंग कर रहा है। सिमी और पीएफआई के सदस्यों का उत्तरप्रदेश कर्नाटक आदि में जो हिंसक प्रदर्शन हुए हैं उसमें हाथ रहा है। ऐसी स्थिति मेें सिमी के बाद अब पीएफआई को भी टीएमसी और कांग्रेस का समर्थन क्यों?
जेएनयू में नारे लगे थे : कश्मीर मांगे आजादी, केरल मांगे आजादी, बस्तर मांगे आजादी, बंगाल मांगे आजादीज् भारत की बर्बादी तक संघर्ष रहेगा जारी। ये नारे जेएनयू के छात्र नेता कन्हैयय़ा कुमार और उमर खालिद के नेतृत्व में उपस्थिति में लगे थे। नारे लगने के दूसरे दिन राहुल गांधी वामपंथी नेताओं और केजरीवाल के साथ इन नेताओं की पीठ थपथपाने पहुंच गये थे।
इन तथ्यों से स्पष्ट है कि कांग्रेस टीएमसी तथा अन्य इसी प्रकार के दल भारत में गृहयुद्ध की स्थिति उत्पन्न कर टुकड़े-टुकड़े गैंग ने जो नारे लगाये थे भारत में पनप रही पाक परस्त ताकतों के मंसूबे को अमलीजामा पहनाने के लिये सीएए के विरोध के नाम पर अलगाववाद और भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की साजिश रची जा रही है।
केरल ने सीएए के विरोध में जो असंवैधानिक प्रस्ताव पास किया है वह पहला कदम है।

सोशल मीडिया पर हो रही उद्धव से इस्तीफे की मांग

सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कहा है कि मामले की जांच सीबीआई करेगी। सु्प्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए यह माना कि मुंबई पुलिस ने इस केस में जांच नहीं की है बल्कि केवल इन्क्वायरी की है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस केस जुड़े हर मामले को अब सीबीआई ही देखेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 35 पन्नों के फैसले में पटना में दर्ज एफआईआर को सही पाया है। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार जांच की सिफारिश करने में सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है किमुंबई पुलिस ने सुशांत केस में जांच नहीं की है, बल्कि इस मामले में बस इन्क्वायरी की। कोर्ट ने यह भी कहा कि आगे कोई भी एफआईआर इस मामले में दर्ज हुई तो उसे सीबीआई देखेगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोग सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर कर रहे हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

मीडिया के सवालों से भागते दिखे मुम्बई पुलिस कमिश्नर “परमवीर सिंह”
महाराष्ट्र सरकार में उठी खौफ की लहर… उद्धव सरकार और मुम्ब
मीडिया के सवालों से भागते दिखे मुम्बई पुलिस कमिश्नर “परमवीरई पुलिस कमिश्नर ने बुलाई आपातकाली बैठक।।।
क्या इस बैठक के बाद परमवीर सिंह और उद्धव ठाकरे देंगे इस्तीफा??

मा.सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत केस को ष्टक्चढ्ढ को सौंपा कोर्ट ने कहा कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में जांच नहीं बल्कि सिर्फ पूछताछ की थी, महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को बड़ा झटका लगा है
. सवाल यह है कि अब इस्तीफा कौन देगा??

सुशांत केस में महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच का विरोध करती और अजीत पवार के बेटे का ये ट्वीट है

महाराष्ट्र सरकार की उल्टी गिनती शुरू कभी भी गिर सकती है उद्धव सरकार जय हिंद जय भारत जय श्री राम

सुशांत केस : बुरी तरह घिरे उद्धव ठाकरे, शरद पवार के पोते ने किया वार तो बीजेपी ने अनिल देशमुख का मांगा इस्तीफा

महाराष्ट्र बीजेपी के नेता किरीट सौमेया ने कहा, ‘सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण में गृहमंत्री अनिल देशमुख को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। वहीं मुंबई पुलिस कमिश्नर ने दो महीने तक एफआईआर नहीं दर्ज की, उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए। किरीट सौमेया ने कहा कि अब सुशांत के परिवार को न्याय मिलेगा।Ó पार्थ पवार ने लिखा-सत्यमेव जयते – वहीं एनसीपी नेता और शरद पवार के पोते पार्थ पवार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्वीट कर लिखा, ‘सत्यमेव जयते।Ó वह पहले भी सुशांत केस की जांच सीबीआई को सौंपने की वकालत कर चुके हैं। की मृत्यु की जांच सीबीआई को सौंप दें। मुंबई पुलिस की क्षमता पर किसी को शक नहीं है लेकिन इस मामले की जांच में ढिलाई बरती जा रही थी। यह दिख रहा था। कारण सरकार जाने।Ó

अफगानिस्तान में वजूद की लड़ाई लड़ते हिन्दू और सिखों को शरण देने के लिए स्कांग्रेस में प्रस्ताव पेश

संसद में टू-थर्ड बहुमत से सीएए कानून पारित हुआ। बावजूद इसके कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत इसका विरोध हिंसात्मक तरीके से होने दिया।
दिल्ली के रामलीला मैदान के साथ-साथ 14 दिसंबर अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब समेत इन देशों में भी एंटी सीएए की आड़ में भारत बचाओ रैली निकालेगी कांग्रेस, नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल।
कांग्रेस का उक्त सीएए विरोधी आंदोलन भारत के बाहर भी किस प्रकार से भारत की छवि को खराब किया और यह कांग्रेस का प्रयास कितना अनुचित था इसका उत्तर आज के इस समाचार से हमें मिल सकता है :
अफगानिस्तान में वजूद की लड़ाई लड़ते हिन्दू और सिखों को शरण देने के लिए स् कांग्रेस में प्रस्ताव पेश
अगस्त 19,2020- अफगानिस्तान में कभी दो लाख 20 हजार हिंदू और सिख परिवार थे। लेकिन अब वो महज 220 रह गए हैं। इस अल्पसंख्यक समुदाय की जान, धर्म, ईमान हर चीज पर हमला हो रहा है। लिहाजा वे अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर छिपते फिर रहे हैं। अफगानिस्तान में हिन्दू और सिखों की बदहाली और जान की आफत पर अमेरिका कांग्रेस में एक प्रस्ताव आया है। इस प्रस्ताव में अफगानिस्तान में जान, धर्म, ईमान बचाते फिर रहे हिंदू और सिखों को संकटग्रस्त अल्पसंख्यक करार दिया गया है साथ ही उन्हें अमेरिका में बसाने की मांग की गई है। अमेरिकी कांग्रेस में पेश इस प्रस्ताव में हिंदू-सिखों को अफगानिस्तान का मूल निवासी बताते हुए कहा गया है कि वे संकटग्रस्त अल्पसंख्यक हैं और इनकी आबादी युद्धग्रस्त देश में बहुत तेजी से कम हो रही है, लिहाजा इन्हें शरण मिलना चाहिए।
संबंधित समाचार इसी संपादकीय पृष्ठ में अलग से है।

अफगानिस्तान में वजूद की लड़ाई लड़ते हिन्दू और सिखों को शरण देने के लिए स् कांग्रेस में प्रस्ताव पेश
VS
कांग्रेस प्रायोजित एंटी सीएए रैली कैसे बनी एंटी भारत रैली?

अफगानिस्तान में कभी दो लाख 20 हजार हिंदू और सिख परिवार थे। लेकिन अब वो महज 220 रह गए हैं। इस अल्पसंख्यक समुदाय की जान, धर्म, ईमान हर चीज पर हमला हो रहा है। लिहाजा वे अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर छिपते फिर रहे हैं। अफगानिस्तान में हिन्दू और सिखों की बदहाली और जान की आफत पर अमेरिका कांग्रेस में एक प्रस्ताव आया है। इस प्रस्ताव में अफगानिस्तान में जान, धर्म, ईमान बचाते फिर रहे हिंदू और सिखों को संकटग्रस्त अल्पसंख्यक करार दिया गया है साथ ही उन्हें अमेरिका में बसाने की मांग की गई है। अमेरिकी कांग्रेस में पेश इस प्रस्ताव में हिंदू-सिखों को अफगानिस्तान का मूल निवासी बताते हुए कहा गया है कि वे संकटग्रस्त अल्पसंख्यक हैं और इनकी आबादी युद्धग्रस्त देश में बहुत तेजी से कम हो रही है, लिहाजा इन्हें शरण मिलना चाहिए।

 अस्तित्व के खतरे को रेखांकित किया गया

 अमेरिकी संसद के निम्न सदन प्रतिनिधि सभा में पेश प्रस्ताव में सांसद जैकी स्पीयर और अन्य सात सह प्रायोजक सदस्यों ने कहा कि उनका प्रस्ताव अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों को शरणार्थी सुरक्षा देने का समर्थन करता है और समुदाय के सदस्यों द्वारा सामना किए जा रहे ”संस्थागत धार्मिक उत्पीडऩ, भेदभाव और अस्तित्व के खतरे को रेखांकित करता है।

कांग्रेस हाइकमांड ने सेम पित्रोदा और अपने साथी विपक्षी पार्टियों तथा पीएफआई, सिमी जैसे असमाजिक संगठनों की सहायता से किस प्रकार से एंटी सीएए प्रदर्शनों को किस प्रकार से एंटी भारत प्रदर्शनों में 14 दिसंबर से आज 4 मार्च तक अपने कृत्यों से परिवर्तित कर दिया है इस षंडयंत्र की रूपरेखा स्वयं कांग्रेस ने ही एक्सपोज कर दी है।

13 दिसंबर का समाचार था :   दिल्ली के रामलीला मैदान के साथ-साथ 14 दिसंबर अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब समेत इन देशों में भी एंटी सीएए की आड़ में भारत बचाओ रैली निकालेगी कांग्रेस, नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल।

कांग्रेस पार्टी आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, महिला हिंसा समेत तमाम मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर यानी शनिवार को भारत बचाओ रैली की उस रैली

केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर का यह आरोप सही है कि सोनिया समेत विपक्षी नेताओं के भड़काने का नतीजा है दिल्ली हिंसा। इसी में हम यह जोड़ सकते हैं कि सेम पित्रोदा ने 14 दिसंबर के लिये इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के माध्यम से विदेश स्थित भारतीय दूतावासों के सामने प्रदर्शन करने का जो  कार्यक्रम बनाया और किया वह एक प्रकार से कांग्रेस की कब्र खोदने का प्लान और कृत्य था। 

इन हरकतों ने एंटी सीएए प्रोटेस्ट को एंटी भारत प्रोटेस्ट में परिवर्तित कर दिया।

 >>   हर्ष मंदर पर नफरती भाषण का आरोप, स्ष्ट ने किया जवाब तलब।

भड़काऊ भाषण के लिए भाजपा नेताओं पर एफआईआर दर्ज करवाने गए मंदर खुद फँसे और फंसाये वाड्रा गाँधी को भी।

हर्ष मंदर ने भाजपा के तीन नेताओं कपिल मिश्रा, वर्मा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ हेट स्पीच के लिये एफआईआर दर्ज कराने हेतु सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे। वहॉ वे खुद ही किस प्रकार से फंस गये शाहीनबाग में दिये अपने भाषणों के कारण और इसी प्रकार से वे रामलीला मैदान में सोनिया गंाधी-राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के हेट स्पीच तथा उसके बाद मणिशंकर अय्यर सहित अन्य असंख्य कांग्रेसी और विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने जो हेट स्पीच दिये वे तो भाजपा के उक्त नेताओं से कई गुना बढ़कर हेट स्पीच थे।

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