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दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र आज, पानी और यूक्रेन की शहंशाह

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नई दिल्ली . दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इसमें जल बोर्ड के पानी और डिस्ट्रीब्यूशन की हल्दी पार्टियों को लेकर चर्चा होगी। बजट सत्र के अंतिम दिन जिस तरह आम आदमी पार्टी के बैच ने अपने-अपने क्षेत्र में पानी, समर्थक की संभावनाओं को उठाया था, विधानसभा अध्यक्ष ने 15 मार्च को यह मुद्दा उठाया था यानी आज एक दिन के विशेष सत्र पार्टियों का ऑर्डर दिया गया था। सदन ने विशेष सत्र में मुख्य सचिव नरेश कुमार को जल बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट में कार्रवाई और भविष्य के प्रतिबंध के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।

सौदेबाजी का आरोप था कि जल बोर्ड की कंपनी का मालिकाना हक नहीं हो रहा है। दिल्ली विधानसभा बजट सत्र के दौरान नौ मार्च को झलके ने दिल्ली में जल बोर्ड की सदस्यता का सम्मान उठाया था। कीमत की मांग पर सदन में पानी व स्ट्रेटेजी की राजकुमारी पर चर्चा की गई थी। इसमें शामिल संकल्प प्रस्ताव पारित हुआ था कि मप्र की कार्रवाई रिपोर्ट के साथ मुख्य सचिव को सदन में बुलाया जाए। उनके लिए 15 मार्च को विशेष सत्र विपक्ष पर आधारित बनी थी। यह प्रस्ताव भी मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा।

बता दें कि बजट सत्र के अंतिम दिन आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से कहा था कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल बोर्ड और सीक्वेंस से संबंधित भाषण में क्या कार्रवाई की जाए, इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट दी गई है। परन्तु आज तक दो महीने बीत गए, परन्तु उस ने कोई समाचार न दिया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि गर्मियां शुरू होने वाली हैं, पानी की रिश्तेदारी होगी।

उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 29 काम लंबित हैं. जिनमें से सातों गोदामों के गोदाम हो गये हैं। टेंडर खुले हुए हैं. लेकिन काम नहीं हो रहा है. कारखाने के गोदामों के मालिक हो गए हैं उनके पैसे तो जा चुके हैं लेकिन काम नहीं हुआ है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 15 तारीख को विधानसभा के विशेष सत्र में इस पर चर्चा की और अधिकारियों से भी जवाब दिया.

आतिशी ने अपने नोट के साथ 42 डायनासोर की पानी और क्लासिक से जुड़े सहयोगियों की जानकारी भी प्रमुखों के साथ साझा की। साथ ही बताया कि इसके अलावा वे 8 मार्च को भी ऐसे 80 मरीज़ों को भर्ती कर रहे हैं। आतिशी ने हेड कंसल्टेंट को निर्देश दिया है कि 15 मार्च तक सभी डॉक्टरों की देखभाल करें। साथ ही, इन समस्याओं के समाधान के लिए भी कदम उठाएं। रोजाना शाम 6 बजे तक की रिपोर्ट में जल मंत्री ने कहा कि इन निजीकरण को दूर करने के काम में तेजी आई है। 14 मार्च तक जल मंत्री की एक विस्तृत रिपोर्ट, ताकि अगले दिन 15 मार्च को उन्हें सदन पटल पर प्रस्तुत किया जा सके।