कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के बाद लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडराया और उन्हें बेरोजगार होना पड़ा हो लेकिन अब स्थितियां फिर सुधर रही हैं। जून से लॉकडाउन के चरणबद्ध खात्मे की शुरुआत का रोजगार के आंकड़ों पर सीधा असर दिखाई देने लगा है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में जून में नया पंजीकरण बढ़कर 6.55 लाख तक पहुंच गया, जबकि इस वर्ष मई में यह संख्या 1.72 लाख ही रही थी। पिछले महीने जारी अस्थायी पेरोल आंकड़े में मई में शुद्ध रूप से 3.18 लाख लोगों के पंजीकरण की बात कही गई थी। इसे अब संशोधित कर 1,72,174 कर दिया गया है।
गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में नया पंजीकरण केवल 20,164 रहा, जबकि जुलाई में जारी अस्थायी आंकड़े में यह संख्या एक लाख थी। ईपीएफओ में हर महीने औसतन करीब सात लाख नए पंजीकरण होते हैं। आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान नए अंशधारकों की कुल संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही जो उससे पिछले वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी।
ईपीएफओ अप्रैल, 2018 से नये अंशधारकों के आंकड़े जारी कर रहा है। इसमें सितंबर, 2017 से आंकड़े लिए जा रहे हैं। ईपीएफओ का कहना है कि सितंबर, 2017 से जून 2020 के दौरान शुद्ध रूप से 1.63 करोड़ नए अंशधारक ईपीएफओ से जुड़े। ईपीएफओ के कुल अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से अधिक है।
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच इससे ठीक होने के मोर्चे पर भी लगातार अच्छी खबर मिल रही है। गुरुवार रात तक समाचार एजेंसियों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, देश में 21,49,391 कोरोना संक्रमित ठीक हो चुके हैं। यह कुल मरीजों की तुलना में 74.14 फीसद है।
More Stories
‘मोदी जी जाने वाले हैं…’: केजरीवाल का आरोप, बीजेपी के दिन अब गिनती के रह गए हैं |
ईरान के राष्ट्रपति हेलीकॉप्टर दुर्घटना लाइव अपडेट: हेलिकॉप्टर दुर्घटना में रायसी को मृत घोषित किया गया |
स्वाति मालीवाल हमला मामला लाइव: ‘घातक’ हमले से विभव की हिरासत तक – शीर्ष घटनाक्रम |