भतीजे आकाश आनंद पर भड़कीं मायावती: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती) ने समर्थक आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने का फैसला वापस ले लिया है। साथ ही उन्होंने आकाश आनंद को बीएसपी के अहम पद से भी हटा दिया है। तानाशाह सुप्रीमो ने उन्हें पिछले साल दिसंबर में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। लोकसभा चुनाव के बीच मंगलवार को बसपा ने अपना फैसला वापस ले लिया। उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने कहा कि पूर्ण पुरातनता आने से लेकर आकाश आनंद तक दोनों को अहम पद से अलग रखा गया है। एक के बाद एक कुल तीन पोस्ट कर अपने जजमेंट की जानकारी दी। जब भी फेसबुक का चयन होता है तो हमेशा के लिए निवेशक वाला ही होता है। आइए जानते हैं- ऐसा क्यों हो रहा है कि आकाश ने अपना पेज खोना शुरू कर दिया है और यह कार्रवाई करके क्या संदेश देना चाहता है।
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बीजेपी पर सहमति दिया बयान
आकाश पर कार्रवाई के पीछे सबसे बड़ा और पहला कारण बीजेपी सरकार पर सहमति जताना है। ये जगजाहिर है कि आजतक ने कभी भी बीजेपी का फ्रैंक विरोध नहीं किया है. राज्य की योगी सरकार हो या फिर मोदी सरकार। वहीं, बसपा के पैकेजदम से हटकर आकाश आनंद लगातार भाजपा सरकार पर निशान साध रहे थे। कुछ दिन पहले उन्होंने विपक्ष में बीजेपी सरकार को ‘आतंक की सरकार’ करार दिया था। इसके बाद उन पर रजिस्ट्रीकरण भी दर्ज हो गया था। इसके अलावा दो-तीन स्थानों पर बयान देते समय वह तीन जोश में आ गया कि उनके मुंह से गिल्ली जैसे शब्द निकल पड़े। आवेश में लिखी उनकी रिकॉर्डिंग की भी काफी आलोचना हो रही थी जिसमें ‘जूते मारने का मन करता है’ जैसे बयान शामिल हैं।
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बीओएसटी की राजनीति फ़िट में नहीं होना
जहां एक ओर जिस तरह की राजनीति करती है, वहीं दूसरी ओर जिस तरह की बयानबाजी करती है, उसमें आकाश आनंद की यह भाषा ‘मिसफिट’ हो रही थी। माना यह भी जा रहा है कि पार्टी के अंदर एक बड़ा धड़ा आकाश आनंद के इन बंदरों से नाराज था।
समाजवादी विचारधारा की राजनीति से लेकर समाजवादी पार्टी तक
एसपी सुप्रीमो ने करीब पांच माह पहले ही 10 दिसंबर 2023 को स्टॉक आकाश आनंद को बसपा सुप्रीमो ने पार्टी की बैठक में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। इसके साथ ही उन्होंने फिलीपीन को मैसेज दिया था कि आकाश के नाम से वह एक प्लॉट को पेश करेगी। अब आशुतोष ने आकाश आनंद को राजनीतिक रूप से अपरिपक्व करार दिया है और राजनीतिक संदेश दिया है कि वह उछाल की राजनीति नहीं करते हैं।
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भाई ने भी की कार्रवाई
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी इसी तरह के एक्शन से हर किसी को चौंका दिया था। चुनाव के दौरान बसपा पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया गया। इसके बाद आशुतोष ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से भाई आनंद कुमार को हटा दिया था। हालाँकि, चुनाव ख़त्म होने के बाद एक बार फिर उन्होंने आनंद कुमार को इस पद पर बहाल कर दिया था। बसपा ने आकाश आनंद पर एक संदेश भेजकर कार्रवाई करने का प्रयास किया है कि उनकी पारिवारिक पार्टी और बहुजन आंदोलन के लिए सबसे जरूरी है।
सोशल मीडिया पर हटाने की घोषणा
सबसे पहले उन्होंने पोस्ट में लिखा था कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब दा भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान और रूस और सामाजिक परिवर्तन का भी प्रचार करती है। श्री कांशीराम जी ने मुझे भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।
अपने दूसरे पोस्ट में मायावती ने लिखा है कि- इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक और अपना पद घोषित किया, पूर्वी पार्टी और पार्टी में व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (परिपक्वता) आना अभी तक उन्हें इन दोनों पक्षों से अलग किया जा रहा है।
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अपने तीसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि- जबकि आपके पिता आनंद कुमार पार्टी और मूवी में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाएंगे। मूलतः बीएसपी की नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब दा. अम्बेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग और कुर्बानियों से पीछे नहीं हटना है।
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