राजस्थान न्यूज़: जयपुर। सरकारी शिक्षक अब स्कूल समय में मोबाइल का उपयोग करना महंगा नहीं है। मोबाइल के उपयोग के अलावा स्कूल के समय में पूजा या नमाज के नाम पर स्कूल की जगह पर शेयर को निलंबित या निलंबित करने की कार्रवाई का सामना करना पड़ता है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलवर ने शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लिए उद्यम पर प्लांट की बात कही है। अपने आवास पर मीडिया से बात करने के दौरान मोबाइल को बीमारी से पीड़ित दिलवर ने कहा कि स्कूल के समय में कई शिक्षक मोबाइल में शेयर बाजार या सोशल मीडिया में देखने में उलझे रहते हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है, देखिए अब कोई शिक्षक स्कूल के अंदर मोबाइल लेकर नहीं आएगा।
उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन की स्थिति में उन्हें प्रिंसीपल को जमा करना होगा। कोई भी अप्रचलित फ़ोन प्रिंसीपल सूचना पर बात करने के लिए आएँ। दिलवर का कहना है कि मोबाइल के कारण बच्चों की पढ़ाई को नुकसान हो रहा है।
पहले भी कई बार जारी हो चुके ऑर्डर, ढ़ाचे के तीन पात
दिलवर के बयान के बाद संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा कोटा कोटा ने मोबाइल बैन के आदेश सोमवार को फिर से जारी कर दिए। मोबाइल बैन के आदेश विभाग में पहले वर्ष 2012, 2015, 2018 में जारी हो चुके हैं। हाल ही में फरवरी में भी ऑर्डर जारी हुए थे.
बार-बार रिवील के बावजूद बरकरार के नाम पर ऑर्डर केवल कागजी ही साबित हुआ और दरवाजे पर टूटे-फूटे के तीन पात जैसे ही बने हैं। इस बार कोलाइवर से नामांकन कराया गया तो विभाग में यह नजीर साबित हो सकता है, लेकिन असोसिएट में नामांकन बढ़ सकता है। कई शिक्षक नेताओं ने गैर-वैश्विक मान्यता प्राप्त आदेश दिया है।
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