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स्वामी अग्निवेश की पिटाई मामले में सभी 11 आरोपी बरी, पाकुड़ की अदालत ने सुनाया फैसला

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक व राज्य सभा के पूर्व सदस्य स्वामी अग्निवेश की पिटाई मामले में सभी 11 अभियुक्तों को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। अदालत का यह फैसला गुरुवार को आया। यह घटना 17 जुलाई 2018 की है। इस मामले में नगर थाना में कांड संख्या 142/18 दर्ज हुआ था।बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक व राज्य सभा के पूर्व सदस्य स्वामी अग्निवेश की पिटाई मामले में नामजद सभी 11 अभियुक्तों को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।अदालत का यह फैसला गुरुवार को आया। यह घटना 17 जुलाई 2018 की है। इस मामले में नगर थाना में कांड संख्या 142/18 दर्ज हुआ था। गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने फैसला सुनाते हुए इस केश के मुख्य आरोपित अनंत तिवारी सहित 10 अन्य लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दी।मामले में अनंत के अलावे तत्कालीन जिला अध्यक्ष भाजपा बलराम दुबे, युवा मोर्चा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष प्रसन्ना मिश्रा, बजरंग दल के संदीप कुमार मंडल, भाजपा कार्यकर्ता अशोक प्रसाद, शिवकुमार साह ,बादल मंडल, राहुल तिवारी, तुहिन कांति शुक्ला, गोपी दुबे, शिवम भगत को घटना का आरोपित बनाया गया था। इस मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता विश्वजीत मिश्रा ने जजमेंट मिलने पर प्रसन्नता जताई है। साथ ही कहा कि सत्य कभी पराजय नहीं होता।

क्या था मामला

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक व राज्य सभा के पूर्व सदस्य स्वामी अग्निवेश 17 जुलाई 2018 मंगलवार को दिन के करीब एक बजे पाकुड़ के मुस्कान पैलेस होटल के सामने भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से पिटाई कर दी थी । कार्यकर्ता पाकिस्तान व ईसाई मिशनरी के दलाल स्वामी गो बैक के नारे लगा रहे थे। स्वामी अग्निवेश लिट्टीपाड़ा में पहाड़िया हिल एसेंबली के दामिन दिवस समारोह में भाग लेने आए थे।दोपहर करीब एक बजे स्वामी अग्निवेश समर्थकों के साथ दामिन दिवस समारोह में शामिल होने के लिए जब होटल से बाहर निकले तो पहले से काला झंडा दिखाने को तैयार करीब दो दर्जन भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अचानक उत्तेजित हो गए।उनकी ओर काले झंडे लहराते हुए बढ़े। इस बीच उनकी जमकर पिटाई कर दी गई। स्वामी अग्निवेश जमीन पर गिर पड़े थे। बाद में कुछ समर्थकों ने किसी प्रकार अग्निवेश को वहां निकाला। उन्हें होटल के अंदर ले गए, जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डा. समरूल ने उनका इलाज किया था।