Airtel समेत अन्य मोबाइल कंपनियों के एजीआर बकाया का मामला उलझता जा रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है, यहां जस्टिस अरुण मिश्रा, एस अब्दुल नजीर और एमआर शाह की पीठ ने कहा है कि अगर दूरसंचार कंपनियां AGR से संबंधित बकाया भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है तो वह स्पेक्ट्रम आवंटन रद्द करने का आदेश दे सकती है। यदि बकाया राशि डुबने का खतरा है तो दूरसंचार विभाग को स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए। पीठ ने ताजा सुनवाई में इस बिंदु पर फैसला सुरक्षित रखा कि क्या इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत कार्यवाही का सामना करने वाली टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम बेचा जा सकता है? इस बीच, Bharat Airtel के चेयरमैन सुनील मित्तल ने मोबाइल डाटा सेवाओं में अगले 6 महीनों के दौरान बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश में डाटा दरें बेहद कम हैं और इस स्तर पर टेलीकॉम कंपनियों के लिए परिचालन में बने रहना बेहद मुश्किल है। उनके मुताबिक उद्योग की त्रासदी यह है कि सिर्फ 160 रुपये में एक महीने के लिए 16 जीबी डाटा मिल रहा है।
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