चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने कहा कि कोरोना संक्रमण फैला हुआ है। ऐसे समय में लोगों की सेहत को खतरे में नहीं डाल सकते।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जगन्नाथ पुरी का मामला अलग था, वहां रथ एक तय जगह से दूसरी जगह ले जाना था। इस तरह के एक तय जगह वाले मामलों में हम खतरे का अनुमान लगाकर आदेश जारी कर सकते हैं। लेकिन, यह आदेश हर मामले में नहीं दिया जा सकता। चीफ जस्टिस ने कहा कि मातमी जुलूस की इजाजत दी तो हंगामा होगा और एक खास समुदाय पर कोरोना फैलाने के आरोप लगने लगेंगे।मुहर्रम पर मातमी जुलूस निकालने की इजाजत के लिए उत्तर प्रदेश के सय्यद कल्बे जब्बाद ने पिटीशन लगाई थी। उन्होंने ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा की इजाजत देने की हवाला दिया था। पिटीशनर ने लखनऊ में मातमी जुलूस की इजाजत चाही, क्योंकि वहां शिया समुदाय ज्यादा तादात में है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आपको इलाहाबाद हाईकोर्ट जाना चाहिए।
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