न तो असुरों ने अपने ही दोस्त को डेथ घाट पर उतारा, लाल आतंक का रास तट छोड़ने जा रहा था – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

न तो असुरों ने अपने ही दोस्त को डेथ घाट पर उतारा, लाल आतंक का रास तट छोड़ने जा रहा था

न पोर्टफोलियो ने जमादार कमांडर रेस्टॉरेंट लाल की हत्या की।

पर प्रकाश डाला गया

  1. मोहला-औधी एलओएस के कमांडर को वर्जीनिया एल
  2. ना बस्ती वालों ने जनअदालत में ना बस्ती के कमांडर को मौत के घाट उतार दिया।
  3. दोस्त की हत्या के बाद न किसी ने साजिशन फांकेकर घटना की ली जिम्मेदारी।

राजनंदगांव। छत्तीसगढ़ में किसी भी सरकारी संगठन के भीतर गहरे कलह की खबरें सामने आ रही हैं। इसका ताजा उदाहरण राजनांदगांव से सामने आया है, जहां मोहला-औंधी एलओएस के कमांडर अंडकोष नील विज्ज़ा की रिहाई से पहले स्मारक ने ही उसे मौत के घाट उतार दिया था। घटना छह सितंबर की है, जब जनरल ने कांकेर-बस्तर- नारायणपुर बार्डर गांव मलमेटा क्षेत्र में जनअदालत ने उसकी हत्या कर दी।

दो सितंबर की रात को कमांडर अय्यूड लाल आतंक को छुड़ाने के लिए नारायणपुर इलाके से हथियार लेकर भागा गया था। क्रॉन्कॉल की अलग-अलग दिन-रात की तलाश में लगे थे। कांकेर-नारायणपुर क्षेत्र में मोहला-मानपुर-चौकी जिले से बहने वाली कोटरी नदी की बाढ़ ने आदिवासियों का रास्ता रोक दिया।

राक्षस ने साथी कमांडर की हत्या को अंजाम दिया

जहां ऑर्केस्ट्रा ने उसे घेर लिया और उसकी हत्या कर दी। उनकी पत्नी राजे भी उनके साथ थीं, लेकिन अब तक उनकी कोई खबर नहीं है। मित्र मित्र की हत्या के बाद रेस्टॉरेंटबी डिविजन ने पंथ फांकर को अपनी जिम्मेदारी दी है।

मामले में मोहला-मानपुर-चौकी के पुलिस अधीक्षक वाईपी सिंह ने कहा कि छात्रावास के कमांडर अमेरीका आंतक को समाज के बुनियादी ढांचे से हटाना चाहता था, लेकिन छात्रावास संगठन में काम कर रहे अपने ही मित्र के गुट को मौत के घाट उतार दिया। ऋण किसी के नहीं होते हैं।

ऑयलगू कैडर नेता विजय रेड्डी और उनके साथियों ने राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर डिवीजन के एसीएम विजय की हत्या कर दी है। यह घटना न किसी प्रोजेक्ट के संगठन में भारी अशांति और विद्रोह की स्थिति को दर्शाती है, जो 2024 में लगातार हो रही क्षति के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई है। मारा गया न प्रॉपर्टीज़ली साउथ स्ट्रीट का निवासी।

न निजीकरण संगठन में बेहतर कलह

पुलिस के दस्तावेज़ों के अनुसार न तो किसी संगठन में बाहरी राज्य के कैडर हैं और न ही किसी बाहरी राज्य के कैडर में अब स्थानीय लोगों पर कोई संदेह है। इसी वजह से संगठन में अविश्वास और विद्रोह की स्थिति पैदा हो रही है। कांकेर जिले के मालमपेंटा जंगल में एसीएम विजा मडकाम पर उनके ही संगठन के नेताओं ने गद्दारी का आरोप लगाया। अब अपने बेहतर कलह को छुपाने के लिए पुलिस इन्फॉर्मर या ऑर्गेनाइजेशन के विरोधी होने के आरोप में गिरफ्तारी प्रेस विज्ञप्ति जारी की जा रही है।

न निजीकरण के पास समर्पण का विकल्प

सुपरमार्केट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदर पी. उन्होंने बताया कि न तो किसी सहायक संगठन का नेतृत्व किया जा सकता है और न ही किसी बाहरी संगठन की असलियत सामने आ सकती है। स्थानीय न किसी अभ्यारण्य कैडरों के पास अब हिंसा से नामांकन रद्द करने का विकल्प नहीं बचा है।

इस साल मॅमेल में 153 से अधिक न नारियली हुए ढेर

2024 के दौरान जंगल सैनिकों के खिलाफ़ जारी अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलताएँ मिलीं। अब तक 153 से अधिक न बेरोजगारों की हत्या हुई है। इसमें तेलांगना के रेजिडेंट और न ही नामांकित कैडर डीकेएसजेडसी के सदस्य जोगन्ना, रणधीर, सीआरसी कमांडर सागर, और डीवीसीएम विनय नायक रवि शामिल हैं। इसके अलावा, महाराष्ट्र और उड़ीसा के माओ कैडर एसीएम संगीता नी सन्नी और पीपीसीएम लक्ष्मी भी मारे गए। बाहरी राज्य के माओवादी कैडरों का इस तरह से जाना संगठन में असंतोष को बढ़ावा दे रहा है।