पर प्रकाश डाला गया
- स्ट्रेंथ, बिलासपुर, कोरबा आदि स्थानों से प्रतिदिन संपर्क करते हैं
- 10वीं-12वीं अंकसूची में नाम, जाति, जन्मतिथि की त्रुटियां, अधिकतम एल
- माशिमं में त्रुटिपूर्ण सुधार के लिए अभी भी 25 हजार आवेदन पत्रl
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) में 10वीं और 12वीं की अंकसूची की गलतियां छात्र-छात्राओं को भारी इंतजार करना पड़ रहा है। छोटी सी गलती के लिए भी छात्र पांच से सात महीने तक चक्कर काट रहे हैं। इनमें उल्लू, सरगुजा और बिलासपुर के सरदार के युवा भी शामिल हैं। अधिकतर आवेदन त्रुटिपूर्ण सुधार के लिए दिए गए हैं, जो नाम, जाति और जन्मतिथि सुधार के लिए दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार अभी माशिमं में 25 हजार से अधिक आवेदन हैं। हर साल अंकसूची में सुधार के लिए लगभग पांच हजार आवेदन आते हैं। इनमें से 70 प्रतियों का ही उपयोग हो पाता है। जबकि हर साल 1,500 से दो हजार आवेदन मिलते रहते हैं।
माशिमं के अधिकारियों ने बताया कि त्रुटिपूर्ण सुधार के लिए युवा अपने-अपने प्रधान कार्यालय, डाक और ई-मेल से भी आवेदन कर सकते हैं। वहीं छात्रों का कहना है कि मुख्यालय में शीघ्र सुधार नहीं होता। ऐसे मुख्यालय समान हैं, लेकिन मुख्यालय जैसी स्थिति यहां भी दिखाई देती है।
ऑफ़लाइन आवेदन की व्यवस्था नहीं
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में अंकसुचियों की त्रुटियां के लिए ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है। इसे प्रतिदिन कार्यालय में अलग-अलग बनाए रखा जाता है – अलग-अलग आचलों से 50 से अधिक कर्मचारी अंकसूचियों में सुधार के लिए पहुंच रहे हैं।
पाली (कोरबा) के विकास कुमार ने बताया कि उनकी 12वीं की अंकसूची में त्रुटि है। उनके पिता का नाम के साथ जाति (सिंह) नहीं लिखी है। सुधार के लिए उसने दो महीने पहले आवेदन दिया था, जो अभी तक सुराजा नहीं है। सुधार कब होगा, अधिकारी एक निश्चित तारीख भी नहीं बता रहे हैं।
जांजगीर-चांपा जिले के सरदार पटेल ने बताया कि 10वीं और 12वीं की अंकसूची में त्रुटी सुधार के नाम पर उन्होंने पांच महाआवेदन किये थे। त्रुटिपूर्ण सुधार हुआ या नहीं, इसकी जानकारी और मार्कशीट निर्धारण में वह छह बार आना-जाना कर चुके हैं, लेकिन अब तक त्रुटिपूर्ण सुधार नहीं हो सका है। इससे उन्हें कई तरह की दिलचस्पी आ रही हैं।
मुख्यालय स्तर के पोस्टकार्ड और ई-मेल से अंकसूचियों में त्रुटि सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए व्यवस्था की गयी है. फिर भी सैनिक अपने सेनापति में आवेदन करना छोड़कर रायपुर आ रहे हैं। ऐसे आवेदन पत्र हैं। – पुष्परा साहू, सचिव, माशिमं
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