बस्तर में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए कोच अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं। ऐसे ही शहर में बच्चों और युवाओं में हॉकी के मैदान में आत्मविश्वास जगाने का काम अजीम मोहम्मद कर रहे हैं। पेशे से वकील अजीम बीते करीब डेढ़ दशक से हॉकी सिखा रहे हैं। बच्चों को सिखाने में उनकी पत्नी सईदा अजीम भी उनकी पूरी मदद करती हैं। वे बालिकाओं को हॉकी सिखाती हैं। उनके सिखाए कई बच्चे नेशनल हॉकी स्पर्धाओं में भी भाग ले चुके हैं। ये अपने आप में बड़ी बात है कि अजीम बिना किसी सरकारी मदद और जनसहयोग के सिर्फ अपने पैसे खर्च कर बच्चों और युवाओं को हॉकी सिखा रहे हैं। वे बताते हैं कि भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, लेकिन इसी खेल में बस्तर के बच्चे पीछे हैं।
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