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फसल पर यलो मोजेक वायरस के अटैक ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।

प्रदेश में इस साल सोयाबीन का रकबा पांच लाख 80 हजार हेक्टेयर ( पिछले साल से 11 फीसदी ज्यादा) बढ़ा है, लेकिन फसल पर यलो मोजेक वायरस के अटैक ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। शुरुआती दौर में कम बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल मुरझाई। कई जिलों में दोबारा बोवनी करनी पड़ी थी। अब कई जिलों में भारी बारिश के बाद बीमार फसल पीली पड़ गई है। अलग-अलग जिलों में पांच से 40 फीसदी फसल प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान शाजापुर जिले में हुआ है।

हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। पिछले साल भी ज्यादा बारिश के कारण सोयाबीन को नुकसान हुआ था। दैनिक भास्कर ने 28 जिलों में सोयाबीन की स्थिति की पड़ताल की। सभी जगह हाल ही में हुई बारिश के बाद ज्यादा नुकसान हुआ है। बड़वानी जिले के ग्राम वरलिया पानी के किसान जालू डुडवे ने आधा एकड़ में सोयाबीन लगाई है। भारी बारिश से फसल पीली पड़ रही है। कीट पत्तों को चट कर रहे हैं। हर जिले में ऐसी ही स्थिति है। किसानों की ओर से सर्वे और मुआवजे की मांग उठने लगी है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने भास्कर को बताया सोयाबीन फसल प्रभावित होने की जानकारी मिलते ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सर्वे कराकर किसानों को आरबीसी के तहत राहत प्रदान की जाए। फसल बीमा की तारीख भी बढ़ गई है, डिफाल्टर किसान भी पटवारी से प्रमाण पत्र लेकर बीमा करवाएं ताकि बाद में किसी को दिक्कत न आए।