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देश में जुलाई के दौरान औसत से करीब 10 प्रतिशत कम बारिश हुई

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चालू महीने अगस्त में 44 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. अगस्त में अब तक औसत से 25 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, जोकि महीने के दौरान 1976 के बाद सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड है. हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले महीने सितंबर में मानसून की रफ्तार मंद पड़ सकती है.

आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मानसून के संबंध में अब तक का पूर्वानुमान सही साबित हुआ है और देशभर में मानसून का वितरण बेहतर व समरूप रहा है. अगस्त महीने में जोरदार बारिश हुई, मगर अगले महीने सितंबर में मानसून की रफ्तार धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकती है, लेकिन जिन इलाकों में अब तक कम बारिश हुई, वहां बारिश की गतिविधि बढ़ सकती है.

आईएमडी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार एक अगस्त से 28 अगस्त तक देशभर में 296.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि महीने के दौरान औसत बारिश 237.2 मिलीमीटर होती है. इस प्रकार देशभर में अगस्त में औसत से 25 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है.

इससे पहले 1976 में अगस्त महीने के दौरान औसत से 28.4 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी, जबकि 1901 से लेकर 2020 के दौरान अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश 1926 में हुई थी, जब औसत से 33 प्रतिशत ज्यादा बारिश रिकॉर्ड किया गया था.

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश मध्य भारत में हुई है, जोकि औसत से 57 प्रतिशत अधिक है, जबकि पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में औसत से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है. अगस्त में उत्तर-पश्चिम भारत में औसत से एक प्रतिशत अधिक जबकि दक्षिणी प्रायद्वीय भारत में औसत से 42 प्रतिशत ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. डॉ महापात्र ने बताया कि अब मानसून का रुख उत्तर-पश्चिम भारत की तरफ है जबकि दक्षिण भारत में अगामी सप्ताहों के दौरान भारी बारिश से राहत मिल सकती है.