कोरोना काल से पहले स्मार्ट सिटी और पुलिस ने शहर पर निगरानी और ट्रैफिक कंट्रोल को ध्यान में रखते हुए घने इलाकों, व्यस्त सड़क-चौराहों पर कैमरे लगाए थे, लेकिन अब जरूरत कुछ बदल रही है। कोरोना संकट से शहर की सड़कों पर तो ट्रैफिक कम हुआ ही है, आउटर ही नहीं बल्कि घने शहर की सड़कें पर अंधेरा घिरने के बाद जल्दी सूनी होने लगी हैं।
इस वजह से मौजूदा राजधानी और नवा रायपुर में अलग-अलग एजेंसियों ने ऐसी सड़कों पर फोकस किया है, जहां अभी तक कैमरों की जरूरत महसूस नहीं की गई थी। यही नहीं, शहर में कोरोना के सूनेपन और छोटी-मोटी लूट की वारदातों को ध्यान में रखते हुए पहली बार 24 खंभों पर पैनिक बटन भी लगाए जाएंगे। कोई व्यक्ति इस बटन को दबाएगा तो पुलिस को पता चल जाएगा कि वह कहां है और वहीं लगे कैमरे से लाइव दिखने लगेगा कि व्यक्ति किस तरह के संकट में है। यह राजधानी में पहली बार होगा।
जहां तक मौजूदा शहर का सवाल है, स्मार्ट सिटी दूसरे चरण में 66 चौक-चौराहों पर 245 कैमरे लगाने जा रही है। लेकिन इस बार फोकस आउटर इलाकों पर है। उन सड़कों पर कैमरे लगाए जाने लगे हैं, जो दूसरे शहर से आती हैं, यानी राजधानी का एंट्री प्वाइंट हैं। यही नहीं, आउटर में जहां अपराध ज्यादा हो रहे हैं, वहां भी कैमरे लग रहे हैं।
इनमें गोल चौक डीडी नगर, महादेवघाट पुल के दोनों ओर, सरोना चौक, कबीर नगर, गोंदवारा रोड, खम्हारडीह चौक, अमलीडीह, भनपुरी और विधानसभा रोड शामिल हैहं। इनमें से 47 जगह कैमरे लग गए हैं। उनका ट्रायल चल रहा है और कुछ दिन में सर्वर से जोड़ दिए जाएंगे। 19 जगह पर कैमरे के लिए पोल लगे हैं, बिजली कनेक्शन किया जा रहा है।
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