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मौसम चेतावनी: ताक में ठंड, पिज्जा की दूरी पर हो सकता है संभावित हमला… ला-नीना के कारण अक्टूबर-नवंबर में ठिठुरेगा उत्तर-मध्य भारत

भारत में नवरात्रों के साथ ही धरती की शुरुआत होती है।

पर प्रकाश डाला गया

  1. जून-सितंबर की अवधि में 8% अधिक वर्षा
  2. अक्टूबर-नवंबर तक ला नीना की स्थिति बनेगी
  3. उत्तर एवं मध्य में गंभीर शीतलहर का खतरा

एजेंसी, नई दिल्ली (शीतकालीन 2024)। इस वर्ष के लिए दक्षिण-पश्चिम की यात्रा हो रही है। अधिकांश राज्यों में बारिश का दौर जारी है। छिटपुट बारिश जरूर हो रही है। इस बीच, मौसम विभाग ने ला-नीना प्रभाव के बारे में अपडेट किया है।

आईएमडी के अनुसार, इस साल भारत में क्रैके की खुदाई हो सकती है, क्योंकि अक्टूबर-नवंबर तक ला नीना की स्थिति बनने की संभावना है। इसका प्रभाव उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में गंभीर शीत लहर आ सकता है।

वहीं, आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम की वापसी में देरी हो रही है। असफलता की विदाई अब 17 अक्टूबर तक पूरी होने की उम्मीद है। इस बार जून-सितंबर की अवधि में 8% अधिक वर्षा के साथ वर्षा की समाप्ति हो रही है।

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1500 लोगों की जान चली गई

  • इस बार में 1500 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 895 लोगों की मौत, बाढ़ और भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने जारी की ये जानकारी।
  • तूफ़ान और बिजली गिरने से 597 लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश के कारण देश में व्यापक तबाही का सामना करना पड़ा। बीमारी के साथ-साथ नुकसान भी पहुंचाता है।
  • केरल में 397 लोगों की जान चली गई। इसके बाद असम शामिल है, जहां 102 लोगों की मौत हो गई। मध्य प्रदेश 100 लोगों में ने जान गंवाई है।
  • अधिकारियों के मुताबिक, इस साल देश के विभिन्न राज्यों में 525 बार भारी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है। भारी भारी वर्षा की 96 घटनाएँ।

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असली में कैसी रही दुआ की बारिश

मिले-जुले आंकड़ों के साथ साउथ-वेस्ट डिजायन सीज़न आधिकारिक तौर पर सोमवार को समाप्त हो गया। जहां मध्य भारत में औसत से 19% अधिक बारिश हुई, वहीं पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में 14% की कमी का अनुमान लगाया गया। कुल मिलाकर, भारत में 934.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो लंबी अवधि का औसत 107.6% है, जो 2020 के बाद से सबसे अधिक है।