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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार से चालू वित्तीय वर्ष के जीएसटी क्षतिपूर्ति

सीएम भूपेश बघेल ने कहा, केंद्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों को दे जीएसटी की क्षतिपूर्ति के रूप में 2828 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ को शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने जीएसटी क्षतिपूर्ति में कमी के लिए राज्यों के कर्ज लेने के विकल्प के संबंध में कहा है कि जीएसटी काउंसिल में शामिल राज्यों को केंद्र सरकार ने 2017 में यह आश्वासन दिया गया था कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को राजस्व में जो भी कमी होगी। कमी की प्रतिपूर्ति वर्ष 2022 तक की जाएगी। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार स्वंय ऋण लेकर राज्यों को राशि उपलब्ध कराए तो यह ज्यादा व्यवहारिक होगा।

मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि राज्यों में हर साल राजस्व सामान्य रूप से बढ़कर आता है। इस प्रोटेक्टेड रेवेन्यू में जो भी कमी आती है उसकी प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार की ओर से होनी चाहिए। इसके लिए राज्य सरकारों को ऋण लेने की बजाए केंद्र सरकार सीधे ऋण लेकर उसे राज्यों को उपलब्ध कराए। रिजर्व बैंक से राज्यों को अलग अलग दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार द्वारा ऋण लेकर राज्यों को उपलब्ध कराना अधिक व्यवहारिक होगा।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जीएसटी की राशि देना केंद्र सरकार का उत्तरदायित्व है। जीएसटी में कमी की क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों के ऋण लेने से जहां राज्यों पर ऋण भार आ जाएगा। यह एक जटिल और अनिश्चित प्रक्रिया रहेगी।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि यद्यपि जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रत्येक दो माह में दिए जाने का प्रावधान है, इसके बावजूद वर्ष 2020-21 के चार माह बीत जाने के बाद भी इस अवधि की क्षतिपूर्ति राशि 2828 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुई है। यह राशि अविलंब छत्तीसगढ़ को उपलब्ध कराई जाए।