अब हर कोरोना पॉजिटिव मरीज की टीवी संक्रमण (तपेदिक) की भी जांच की जाएगी। इसी तरह हर टीबी मरीज का कोरोना टेस्ट करना अनिवार्य होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की नई गाइडलाइन के बाद प्रदेश में इस पर अमल की तैयारियां शुरू हो गई हैं। एक सप्ताह के अंदर प्रदेशभर में द्विआयामी टीबी-कोविड स्क्रीनिंग शुरू होने की संभावना है।
केंद्र ने देशभर के अस्पतालों को बाय-डायमेंशनल टीवी-कोविड स्क्रीनिंग की गाइडलाइन जारी की है। इसमें सभी आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) और एसएआरआई (सीवियर एक्यूट रेस्पायरेटरी इन्फेक्शन) पेशेंट की भी टीवी स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि टीबी (तपेदिक) और कोविड-19 दोनों ही ऐसे संक्रामक रोग हैं, जो सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करते हैं, दोनों ही बीमरियों के लक्षण एक जैसे यानी खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ होना है।
हालांकि टीबी के संक्रमण के बाद बीमारी काफी धीमी गति से विकसित होती है, वही कोविड-19 में बीमारी तेजी से विकसित होती है। अभी तक के कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि कोविड रोगियों में टीबी का प्रसार 0.37 से 4.47 फीसदी पाया गया है। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी से जून 2020 के बीच टीबी रोगियों की संख्या में 26 फीसदी की कमी आई है।
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