छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आपत्ति और पहल ने कमर्शियल माइनिंग की चपेट में आने से जंगल और नदी नालों को बचा लिया है। पूर्व में चिन्हांकित पांच कोल ब्लाॅक के स्थान पर तीन दूसरी खदानों का चयन कर इन्हें नीलामी सूची में सम्मिलित कर लिया गया है। मोरगा साउथ, मोरगा-2, मदनपुर नार्थ, श्यांग एवं फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लाॅक का कुल क्षेत्रफल 119.10 स्क्वायर किलीमीटर रहा। इसमें 109.73 स्क्वायर किलीमीटर घना वन क्षेत्र है। मोरगा साउथ, मोरगा-2, मदनपुर नार्थ, श्यांग कोल ब्लाॅक कोरबा जिले के हसदेव अरण्य तथा फतेहपुर ईस्ट रायगढ़ जिले के मांड रायगढ़ एरिया में स्थित है। इन पांचों कोल ब्लाॅक के स्थान पर जो तीन दूसरी खदानें दी गई हैं, इनमें वन क्षेत्र मात्र चार फीसदी है। तीनों कोल ब्लाॅक रायगढ़ जिले में स्थित हैं और मांड रायगढ़ क्षेत्र में समाहित हैं। कमर्शियल माइनिंग की नीलामी में छत्तीसगढ़ से अब 9 के स्थान पर 7 कोल ब्लाॅाक शामिल हैं। देखें तीन नए कोल ब्लाॅक का विवरण:
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