इस दिन शिष्य अपने गुरु का सम्मान करते हैं और उनके दिए गए ज्ञान पर आभार व्यक्त करने के लिए कई जगहों पर समारोहपूर्वक उनके ज्ञान का गुणगान किया जाता है। गुरु-शिष्य की यह परंपरा भारतवर्ष में काफी पुरानी है और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस घोषित किया गया। 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस घोषित करने की कहानी भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़ी हुई है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और ज्ञानवान शिक्षक थे।
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