कोरोना काल में जेईई-नीट एंट्रेस एग्जाम पर जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने 6 राज्यों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें परीक्षा होने देने के उसके फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी. ये 6 गैर-बीजेपी राज्य परीक्षाओं को टालने की गुजारिश लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. इससे पहले मंगलवार को इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए होने जेईई (जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम) का पेपर हुआ था, जिसमें हजारों की संख्या में छात्र पहुंचे थे. कोरोना के खतरे को देखते हुए एग्जाम सेंटर्स पर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था थी.
बता दें कि जेईई-मेन के लिए 8.78 लाख और नीट (मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम) के लिए 15.97 लाख छात्रों ने रजिस्टर किया है. नीट एग्जाम 13 सितंबर को होना है. इन परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए गाइडलाइंस जारी की जा चुकी हैं. एजेंसी का कहना है कि छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते ही परीक्षा आयोजित की जा रही है.
इन दोनों एंट्रेंस एग्जाम की डेट पहले दो बार बदली जा चुकी थी. 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके इनको टालने की गुजारिश की थी. लेकिन फिर 17 अगस्त को इनकी अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा था कि यह छात्रों के भविष्य का सवाल है. अब कोरोना संक्रमण के खतरे और राज्यों में आई बाढ़ का हवाला दाते हुए 6 राज्यों ने परीक्षाओं को टलवाने की मांग उठाई थी. इसके लिए पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और महाराष्ट्र ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है. सभी ने कोर्ट ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की थी.
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