नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण के विरोध में मजदूर संगठनों का विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया है। प्लांट के मेन गेट के बाहर मजदूर एकत्र हैं। विधायक रेखचन्द जैन भी प्रदर्शन में शामिल हैं। अधिकारियों- कर्मचारियों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। मौके पर पुलिस भी मौजूद है। संगठन के पदाधिकारयों ने बताया कि आज सांकेतिक तौर पर एक दिन का प्रदर्शन है। 9 सितंबर से सभी मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। एनएमडीसी के दंतेवाड़ा जिले के बचेली किरंदुल लौह अयस्क माइंस में भी मजदूर संगठन नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। बस्तर संभाग मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर स्थित नगरनार इस्पात संयंत्र अभी निर्मांणाधीन है। यहां अंतिम चरण का काम चल रहा है और अगले वर्ष से यहां उत्पादन शुरू हो जाएगा। कमिशनिंग से पहले ही इस उद्याेग को केंद्र सरकार ने विनिवेशीकरण के लिए प्रस्तावित उद्योगों की सूची में शामिल किया है। इसका विरोध यहां के मजदूर संगठन, स्थानीय ग्रामीण, संयंत्र के लिए जमीन देने वाले किसान और जनप्रतिनिधि भी कर रहे हैं।
इसी क्रम में एनएमडीसी की बस्तर में तीनों औद्योगिक इकाइयों में एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की जा रही है। मजदूर संगठन विनिवेशीकरण का फैसला वापस लेने की मांग पर डटे हैं। प्लांट के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं और मजदूर संगठन के सदस्य वहां बैठे हुए हैं। किसी को भी प्लांट के अंदर प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है।
करीब 23 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन इस स्टील प्लांट की उत्पादन क्षमता तीन मिलियन टन सालाना होगी। निर्माण कार्य निर्धारित समय से करीब छह साल पीछे चल रहा है। स्टील प्लांट से एचआर क्वाइल का उत्पादन किया जाएगा। अभी यहां करीब 1700 अधिकारी- कर्मचारी काम कर रहे हैं। प्लांट का काम पूरा होने के बाद बड़ी संख्या में कर्मचारियों की भर्ती होनी है।
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