पढ़ाई केवल ऑनलाइन ही होगी। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने साफ कर दिया कि 21 सितंबर के बाद 9वीं-12वीं के छात्रों को विषय से जुड़ी शंका के समाधान के लिए स्कूल आने की अनुमति दी जाए या नहीं, यह भी कोरोना की तात्कालिक परिस्थितियों के आधार पर तय किया जाएगा। केंद्र सरकार की ताजा गाइडलाइन में राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे छात्रों को उनके पैरेंट्स की लिखित अनुमति से स्कूल आने की छूट दे सकते हैं। गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि 21 सितंबर से अगर राज्य चाहे तो 50 प्रतिशत शिक्षकों को स्कूल बुला सकते हैं। शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस बारे में शासन को फैसला करना है, लेकिन स्कूल खुलने के मामले में केंद्र की पहली अनलाॅक गाइडलाइन में यह बात आ गई है कि स्कूल 30 सितंबर तक नहीं खुलेंगे। शिक्षक स्कूल आकर ऑनलाइन कक्षाएं लें, या फिर घर से ऑनलाइन हों, इसमें ज्यादा अंतर नहीं है और इस मामले में भी फैसला जल्द होगा।
केंद्र सरकार की ताजा गाइडलाइन में हाई व हायर सेकेंडरी के छात्रों को विषय से संबंधित संदेह दूर करने के लिए स्कूल आने की छूट देने का अधिकार दिया है। शिक्षा विभाग के जानकारों का कहना है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए छात्रों को शंका-समाधान के लिए भी स्कूल आने की छूट दी जाए, यह संभावना कम ही है।
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