महानदी के किनारे पुसौर, सारगढ़ और बरमकेला ब्लॉक में अब तक 1670 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई। दैनिक भास्कर की टीम ने बुधवार सुबह क्षेत्र की पड़ताल की। इस दौरान क्षेत्र में सूरजगढ़, चंघोरी, छिछोरउमारिया, नदीगांव, पोरथ समेत 20 से ज्यादा गांव प्रभावित मिले। गांव के किसानों ने बताया कि गांव के 70 से 80 फीसदी कृषि भूमि पर लगी फसल बाढ़ में खराब हो गई है। 5 दिन से ज्यादा समय तक फसल पानी में डूबने से सड़कर काला पड़ने लगी हैं। पीड़ित किसान जब भास्कर टीम खेतों के नजदीक लेकर पहुंचे तो वहां से सड़न की तेज गंध आने लगी। फसल नुकसान पर किसानों को मिलने वाला मुआवजा राशि एक तिहाई से भी कम है। क्षेत्र के अजीत प्रधान ने बताया कि प्रति एकड़ फसल लगाने में 8 हजार रुपए से ज्यादा खर्च हुए है, पर अब नुकसान के बाद प्रशासन उन्हें सिर्फ 25 सौ रुपए प्रति एकड़ अधिकतम मुआवजा देगी। जिन किसानों ने फसल बीमा करा रखा है, उन्हें 90 प्रतिशत तक क्लेम की राशि मिलेगी, लेकिन जिन किसानों ने बाजार से सूद पर लेकर फसल लगाई थी, उनकी आर्थिक समस्या दोगुनी हो गई है।
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