शहर में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। जुलाई के शुरुआती दिनों में संक्रमण दर 5.09 थी, जो दो माह बाद 11 सितंबर को बढ़कर 16.35 पर पहुंच गई है। शहर में कोरोना संक्रमण की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के सबसे संक्रमित शहर इंदौर में संक्रमितों की संख्या सात से आठ हजार पहुंचने में 9 दिन लगे थे। जबकि ग्वालियर में यह आंकड़ा मात्र पांच दिन में पहुंच गया।
यह स्थिति तब है, जब ग्वालियर में इंदौर की तुलना कम सैंपलिंग होती है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि शहर में संक्रमण की दर हर दस दिन में तेजी से बढ़ रही है। गौरतलब है कि पहली बार 3 अगस्त को शहर में 203 लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई थी, तब से अब तक कुल सात बार संक्रमितों की संख्या 200 और 24 बार 100 से ज्यादा रही है। मुरार प्रसूति गृह में एक दिन में ही संक्रमण के चार मामले सामने आए हैं। यहां भर्ती चार महिलाओं में एंटीजन टेस्ट से जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई। एलएनआईपीई के प्राध्यापक (59), रजिस्ट्रार कार्यालय में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, आईआईटीटीएम के निदेशक का कर्मचारी संक्रमित निकला है। कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रहीं पीजी छात्रा व आईसोलेशन वार्ड में ड्यूटी दे चुके पीजी छात्र की रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आई है। जिला अस्पताल में पदस्थ बायोकेमिस्ट, शिंदे की छावनी स्थित निजी लैब का कर्मचारी, आरटीओ का निजी ड्राइवर, सागर पेराडाइज में रहने वाले दंपति की रिपोर्ट पाॅजिटिव है। आरटीओ के ड्राइवर के परिवार में दो और लोग भी पाॅजिटिव हैं। मंघाराम फैक्टरी, गेल विजयपुर का सुपरवाइजर, तिलकनगर छात्रावास का छात्र और 14वीं बटालियन का चालक संक्रमित मिले हैं।
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