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30 हजार एकड़ में बाेई धान की फसल कीट व बीमारियों की चपेट में

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सरगुजा संभाग के तीनों जिले सरगुजा, बलरामपुर और सूरजपुर इलाके के किसान इन दिनों धान में लगने वाले झुलसा और तना छेदक के साथ दूसरे कीटों और बीमारियों के कारण परेशान हैं। कई किसान तो निजी दुकानों से कीटनाशक और दवाइयां खरीदने में सक्षम नहीं हैं। इसकी वजह कीटनाशकों का महंगा होना है। वहीं कृषि विभाग द्वारा धान की प्रदर्शनी खेती करने वाले किसानों को दिए गए कीटनाशक भी कारगर नहीं हैं, जबकि इस साल अफसरों ने डेढ़ करोड़ का कीटनाशक और दवाइयों की खरीदी की है। 4 सालों तक सरकारी सप्लाई से मिले कीटनाशकों का उपयोग करने वाले किसान कह रहे हैं कि उसकी क्वालिटी खराब होती है और कोई असर नहीं होता है। इस समय तीनों जिलों में करीब 30 हजार एकड़ से अधिक की धान फसल में कीट और बीमारियों का प्रकोप है। ऐसे में किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है, उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा तो ऐसे में किसान कर्ज से लद सकते हैं। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र और एग्रीकल्चर कॉलेज के वैज्ञानिक फील्ड में नहीं जाते।

सरगुजा जिले में दो कृषि विज्ञान केंद्र हैं तो अजिरमा में राजमोहनी देवी कृषि महाविद्यालय है। बलरामपुर में भी कृषि विज्ञान केंद्र है, लेकिन यहां के वैज्ञानिक कभी फील्ड में नहीं जाते। वहीं ग्रामीण इलाकों में आरईओ को कई सरकारी काम का जिम्मा दे दिया गया है, जिससे वे उसी में लगे रहते हैं। आरईओ का कहना है कि वे तो गोबर खरीदी में ही लगे हुए हैं। इसकी वजह से इस तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।

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