जिले के किसानाें के साथ साेयाबीन के क्लेम में भी छलावा हुआ है। 230 किसानाें काे बीमा राशि में 100 रुपए भी नहीं मिले हैं। सूची में किसानाें के कई बार नाम भी है। जबकि यह किसान साेयाबीन और धान, मूंग की फसल लगाने वाले हैं। किसानाें काे प्रीमियम के बराबर भी बीमा नहीं मिलने से नाराजगी है। इसकाे लेकर किसान संगठन भी प्रशासन काे ज्ञापन देकर इसमें सुधार की मांग कर चुके हैं।
कृषि उप संचालक जितेंद्र सिंह बताया कि यह खसरे के अनुसार बीमा दिया गया है। एक किसान के नाम जितने खसरे हाेंगे उतनी बार उसका नाम आया हाेगा। वहीं बीमा राशि काे लेकर कहा की यह सब नियमाें से हुआ है। 1281 किसानाें काे 1 हजार रुपए से कम की राशि मिली है।
जिले में नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व विभाग 4 कटाई प्रयाेग और 2 कटाई प्रयाेग कृषि विभाग करता है। इसके बाद पांच साल के उत्पादन के औसत से नुकसान का आकलन हाेता है। इसके अाधार पर बीमा राशि कंपनी जारी करती है।
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