राहुल गांधी गुजरात विधानसभा चुनाव के समय कोर्ट पर जनेऊ पहनकर बहुरूपीया बनकर मंदिर-मंदिर के द्वार खटखटा रहे थे। फिरोज खान के पौत्र और कैथोलिक क्रिस्चियन सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी अपने आपको जनेऊधारी ब्राम्हण सिद्ध करने का प्रयास कर रहे थे। यह चेहरा बताकर वे सोचते थे कि कांग्रेस पर जो मुस्लिम पार्टी होने की छाप पड़ चु़की है वह हट जायेगी। उन्हीं के आदेश से कांग्रेस के प्रवक्ता सुरजेवाला ने यह भी कह दिया था कि राहुल गांधी और उनकी माता दोनों शिव भक्त हैं।
अब २०१९ के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी स्वयं को और अपनी पार्टी कांग्रेस को मुस्लिम हितैषी बताना चाहती है वोट के लिये।
राजीव गांधी ने भी इसी प्रकार से हिन्दू वोट प्राप्त करने के लिये रामलला पर लगे ताले को खुलवाने का आदेश दिया था और मुस्लिमों को खुश करने के लिये सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित शाहबानो केस को बेदखल कर दिया था।
कांग्रेस पार्टी अब अपने आपको मुस्लिम पार्टी बनाने का भरसक प्रयास कर रही है यह सब राहुल गांधी के आदेश से हो रहा है। राहुल गांधी गुपचुप सिर्फ मुस्लिम बुद्धिजीवियों से ही मिल रहे हैं। आज भी एक विशेष घटना इसी बात को दर्शात है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के जुलुस के साथ रीवा की ओर बढ़ रहे थे। रास्ते में जब छतरपुर मय्हर शारदा मंदिर आया तो वहॉ एकत्रित भीड़ में से एक ने नारियल भेंट स्वरूप सिंधिया को दिया तो तुरंत उन्होंने उसे स्वीकार तो कर लिया परंतु कुछ क्षण बाद ही उन्हें स्मरण संभवत: राहुल गांधी के आदेश का हुआ होगा जिसके कारण उन्होंने उस नारियल को फेंक दिया।
इस समाचार की चर्चा इसी पृष्ठ ४ में है।
कोर्ट मेें शिया वक्फबोर्ड का मंदिर बनाने का समर्थन और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद तोडऩे वालों को बताया था कल हिन्दू तालिबानी।
इस संदर्भ में आज के समाचार का भी महत्व है। अमित शाह ने कहा कि चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर उचित कदम उठा लिए जाएंगे। हिन्दू पाकिस्तानÓ वाले बयान पर शशि थरूर को आज कोर्ट ने आज समन भेजा है।
कांग्रेस और राहुल समझते हंै कि मुस्लिमों का मतलब सिर्फ सुन्नी है। इसी प्रकार से वे सोचते हैं कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ मुस्लिम पुरूषों की है महिलाओं की नहीं। इस विषय की चर्चा प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने भाषण में की भी है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन को इस्लाम से बेदखल क्यों किया गया?
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में तीन तलाक और हलाला जैसे मुद्दे को लेकर चर्चा में आई आलाहजरत सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान, मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री की बहन फरहत नक़वी को इस्लाम से खारिज होने की संभावना बढ़ गई है. दरसल शहर इमाम मुफ़्ती ने दोनों महिलाओं को आजाद ख्याल की औरतें बताते हुए इस्लाम से खारिज करने की बात कही है. शहर इमाम मुफ़्ती खुर्शीद आलम ने शुक्रवार को हुई जुमे की नवाज के दौरान तकरीर में इस बात का ऐलान किया था. इस पर समाज सेवी फऱहत ने मीडिया को बताया कि वो औरतों के हक और इंसाफ के लिए लड़ती रहेंगी. फऱहत नक़वी का यह भी कहना है कि वो धर्म के ठेकेदार तब कहां चले गए थे, जब महिलाओं को 3 तलाक दिया जा रहा था. जब महिलाओं का हलाला किया जा रहा था. हलाला, 3 तलाक़ और बहुविवाह के खिलाफ पीडि़त महिलाओं की आवाज उठा रही हैं तो उन्हें इस्लाम से खारिज करने की धमकी दी जा रही है।
०२ जुलाई का समाचार है कि मुस्लिम महिलाओं को मोदी सरकार हक दिलायेगी। निकाह हलाला और बहुविवाह पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब भी दाखिल किया जायेगा।
मोदी सरकार ने निकाह हलाला और बहुविवाह के दंश से भी मुस्लिम महिलाओं को आजाद करने की मुहिम छेड़ी है। सुप्रीम कोर्ट में निकाह हलाला और बहुविवाह को असंवैधानिक घोषित करने की याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937 की धारा 2 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाए, क्योंकि यह बहु विवाह और निकाह हलाला को मान्यता देता है। याचिका में मांग की गई है कि भारतीय दंड संहिता, 1860 के प्रावधान सभी भारतीय नागरिकों पर बराबरी से लागू हों।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर जल्द जवाब दाखिल करने को कहा है।
मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भी राहुल गांधी को यह सुझाव दिया था कि वे सिर्फ मुस्लिमों की बात न करें पूरे देश के बारे में सोंचे।
इससे आज पीएम मोदी का जो सवाल राहुल गांधी के समक्ष रखा गया है कि क्या कांग्रेस सिर्फ मुस्लिमों की पार्टी है, यह सिद्ध करता है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ मुस्लिम पुरूषों की ही है महिलाओं की नहीं।
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