भारत ने मिसाइल क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. डीआरडीओ ने सुखोई-30 से किया एंटी-रेडिएशन मिसाइल रूद्रम का सफल परीक्षण किया गया.
इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान व विकास परिषद ने विकसित किया है. पूर्वी तट पर इस मिसाइल का परीक्षण किया गया. रूद्रम अपने तरह की एक अलग मिसाइल है. लड़ाकू विमानों मिराज 2000, जगुआर, तेजस और तेजस मार्क 2 को भी इस मिसाइल से लैस किया जा सकता है.
इस मिसाइल की टेस्टिंग के बाद भारतीय वायु सेना की सामरिक क्षमता में और इजाफा हो गया है. दुश्मन की वायु रक्षा व्यवस्था को नष्ट करने के उद्देश्य से बनाई गई यह मिसाइल अलग-अलग ऊंचाई वाली जगहों से दागी जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते को भारत ने ओडिशा तट के ह्वीलर द्वीप से सुपरसोनिक असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया गया था.
टॉरपीडो के रेंज से बाहर एंटी सबमरीन वॉरफेयर अभियान में यह मिसाइल काफी उपयोगी साबित होगी. सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच इन मिसाइलों की टेस्टिंग काफी अहम मानी जा रही है.
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