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चीन की मदद से आर्टिकल 370 को J&K में पुन: लागू कराने के कांग्रेस और फारूख अब्दुल्ला के हसीन सपने

Article – 12 oct 2020

फारूख अब्दुल्ला और कांग्रेस का तथा इसी प्रकार से इंडिया टुडे और ञ्जद्धद्ग ङ्खद्बह्म्द्ग  का चोली-दामन का साथ है।

अभी हाल ही में प्रसिद्ध पत्रकार करण थापर द्वारा ञ्जद्धद्ग ङ्खद्बह्म्द्ग  के लिये गये दिये गये एक साक्षात्कार में फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीरी भारतीय महसूस नहीं करते चीनी शासन पसंद करते हैं।

इसका एक वीडियो भी लोकशक्ति में प्रकाशित हुआ है जिसका लींक यह है :

उसी साक्षात्कार के देशद्रोही बोल को आज फारूख अब्दुल्ला ने इंडिया टुडे को दिये गये साक्षात्कार में दोहराया है।

इंडिया टुडे से एक बातचीत के दौरान कहा कि चीन ने कभी भी अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का समर्थन नहीं किया है और हमें उम्मीद है कि इसे (आर्टिकल 370) को फिर से चीन की ही मदद से बहाल कराया जा सकेगा।

5 अगस्त 2019 को संसद के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर से खत्म हुआ था विशेष दर्जा

फारूक अब्दुल्ला ने कहा- अनुच्छेद 370 के अंत के कारण ही बनी एलएसी पर तनाव की स्थिति।

नवभारत टाईम्स कांति मेघवाल की एक सटीक  टिप्पणी आई है : चीन की मदद से मियो को भी खतम कर दो फ ारूक…शिनझियांग प्रांत में मियो के खात्मे का बड़ा गहरा अनुभव है चीन का।

महात्मा गांधी की अंतिम इच्छा थी की स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस को भंग कर दिया जाये। जयललिता ने तमिलनाडु विधानसभा में इसके प्रमाण भी प्रस्तुत किये थे। पीएम मोदी ने संसद में इसीलिये कहा था कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का सपना उनका नहीं अर्थात मोदी का नहीं बल्कि महात्मा गांधी का रहा है।

इसी प्रकार से धारा-३७० के संंबंध में भी हम कह सकते हैं। संसद में पंडित नेहरू ने कहा था कि  धारा-३७० स्वमेव धीरे-धीरे घिसकर समाप्त हो जायेगी। 

एक साल पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने का पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने इसे संविधान का उल्लंघन बताते हुए कहा था कि धारा 370 हटने से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

राहुल गांधी ये क्यों भूल जाते हैं इंदिरा गांधी खुद 370 हटाना चाहती थीं?

सच तो यह है कि खुद इंदिरा गांधी चाहती थीं कि कश्मीर से 370 हटाया जाए। इसकी प्रमाणिकता को साबित करने के लिये हमें 28 अक्टूबर 1975 के एक भाषण को समझना होगा। नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ संसदीय कॉन्फ्रेंस थी। एक अमेरिकन पत्रकार ने श्रीमती गांधी से एक सवाल किया कि मेडम क्या आप कश्मीर में 370 के बारे में कुछ बोलेंगी? इसका जबाब देते हुए श्रीमती गांधी ने कहा, “any system can prevail only long as it keeps pace with changing conditions and proves itÓs ability to solve the problems of its people when tha majority are struggling for survival. Will they tolerate for a few either material in tha form of license to do whatever they wish.. यानी “वही सिस्टम अस्तित्व में रह सकता है जो समयानुकूल हो, जब एक स्थान पर बहुसंख्यक जीने के लिये जूझ रहे हों तब दूसरों को हम ऐश करने का लाइसेंस नहीं दे सकते हैं।