मध्य प्रदेश में अब जगह-जगह स्कूल खुलेंगे और दीपावली के बाद बच्चे नए स्कूल भवन में पढ़ाई करेंगे। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मिंटो हाल में आयोजित 145 सरकारी स्कूलों के भवनों के वर्चुअल लोकार्पण के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पहले स्कूलों में बैठने की व्यवस्था तक नहीं होती थी। बेहतर माहौल नहीं मिलता था। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियां गांव से बाहर जाकर पढ़ने के लिए मजबूर होती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब प्रदेश में पढ़ाई का एक बेहतर माहौल बनेगा, जहां सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। पैसों के अभाव में भी अब किसी की पढ़ाई नहीं रुकेगी। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिहं परमार, मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा और स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को नैतिक शिक्षा दी जाए। बच्चों के चरित्र निर्माण में महापुरुषों की जीवनी को पढ़ाना आवश्यक है। कई महापुरुषों की जीवनी को पाठ्यक्रम में जोड़ रहे हैं। 2018 में रानी पद्मावती का पाठ जोड़ने के लिए कहा था, लेकिन मेरी सरकार गिर जाने के कारण उस पर अमल नहीं हुआ। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले सत्र से रानी पद्मावती का पाठ जुड़ जाना चाहिए।
इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के 129 और आदिम जाति कल्याण विभाग के 13 कन्या शिक्षा परिसर एवं 3 छात्रावास भवनों का लोकार्पण किया गया। इन शैक्षिक भवनों के निर्माण में 497 करोड़ की राशि खर्च हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मिशन-10000 के तहत ऐसे स्कूल निर्मित किए जाएंगे, जिसमें खेल का मैदान, भवन, आधुनिक लैब और बस की भी सुविधा हो। उन्होंने भोपाल, शाजापुर और उमरिया जिले के नवनिर्मित स्कूल भवन के विद्यार्थियों और प्राचार्यों से बातचीत की। कहा, स्कूल भवन तो बन गए। अब फर्नीचर की भी व्यवस्था करेंगे। स्कूल परिसर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी आपकी है।
More Stories
epaper lokshakti-21-march-2024
epaper lokshakti-05-march-2024
योजनाओं की जानकारी देने गांव-गांव पहुंच रहा कला जत्था दल