बनारस की ऐतिहासिक गलियों का स्वरूप बदलेगा अस्सी घाट में बड़ा बदलाव

 बनारस का जिक्र आता है तो हर किसी के दिमाग में हर गली में मंदिर, गंगा नदी, और उसके किनारे रंग बिरंगे घाट, तंग गलियां, गलियों में चल रही गाएं, तमाम तरह की स्मृतियां चलती रहती है। काशी अपनी ऐतिहासिक धर्म नगरी की ऐसी छवि को लिए सदियों से संजोए हुए है, उसे काया-कल्प करने के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं। इन्ही में से एक है काशी की तंग गलियों को चौड़ा करना। बता दें कि विश्वप्रसिद्ध बनारस की गलियों का भूगोल थोड़ा और खूबसूरत और बड़ा आकार लेने जा रहा है। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अमृत योजना के तहत इसको लेकर कवायद भी शुरू कर दी है। बनारस के घाटों को जहां मां गंगा दिव्यता प्रदान करती हैं, वहीं शहर के भीतर प्राचीन हिस्सों को यहां की गलियां भव्यता देती हैं। गलियों से गुजरने पर कानों में आने वाली घंटा-घड़ियाल, शंख और आरती की आवाजें एक अलग ही अनुभव कराती हैं।

आपको बता दें कि वाराणसी विकास प्राधिकरण ने मौजूदा दौर में इन तंग गलियों के संकरापन को दूर करने के कार्य जिम्मा लिया है। तंग होने के चलते यातायात समेत कुछ दिक्कतें भी इन गलियों में महसूस होती हैं। अब वीडीए इन गलियों को चौड़ा करके और खूबसूरत बनाएगा। सबसे पहले वाराणसी के अस्सी घाट से सटे इलाके को इस प्लान में चुना गया है। वीडीए उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने बताया कि इस योजना के करार में शामिल गुजरात की एक कंपनी ने ड्रोन सर्वे का काम पूरा कर लिया है। इसकी मैपिंग हो गई है। उन्होंने बताया कि अब यहां इन तंग गलियों का चौड़ीकरण किया जाएगा। इसके लिए वीडीए भवन स्वामियों को अपने भवन ऊंचा करने की रियायत देगा। ताकि सभी की सहमति से काम आगे बढ़ सके।