सीएम गहलोत ने राजस्थान में 59 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन को मंजूरी दे दी है. प्रदेश के 17 जिलों की ग्राम पंचायतों में इन 59 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों गठन किया गया है. इनसे करीब 30 हजार किसान जुड़े हैं. ग्रामीण लंबे समय से इनकी मांग कर रहे थे. नई सहकारी समितियों के गठन से इन इलाकों के किसानों को लाभ होगा.
सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल बताया कि इनमें से प्रतापगढ़ जिले में 8 और बांसवाड़ा एवं जयपुर जिले में 7-7 सहकारी समितियों का गठन किया गया है. वहीं चूरू में 6, टोंक में 5, सिरोही एवं बूंदी में 4-4 समितियां गठित की गई हैं. इनके अलावा बाड़मेर, राजसमंद, नागौर में 3-3 समितियों का गठन किया गया है. जबकि बीकानेर और चितौडगढ़ में 2-2 तथा सीकर, जालोर, अजमेर, अलवर व झुंझुनूं में 1-1 नई समिति का गठन किया गया है.
सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ग्राम सेवा सहकारी समिति हो इसके लिए सहकारिता विभाग द्वारा लगातार कदम उठाये जा रहे हैं. ग्राम सेवा सहकारी समितियों के बन जाने से ग्राम पंचायत स्तर पर सहकारिता के ढांचे का विस्तार होगा. इन नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन से किसानों को उनकी ग्राम पंचायत में ही ऋण सुविधा, खाद बीज और ई-मित्र जैसी सुविधाएं मिलेगी.
सहकारिता रजिस्ट्रार के अनुसार सहकारी समतियों के गठन से जहां आम लोगों को सहकारी समिति द्वारा किये जा रहे कार्यों का फायदा मिलेगा. वहीं सहकारिता समिति से जुड़े सदस्य किसानों को समिति द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा. प्रदेश में वर्तमान में साढ़े 6 हजार से ज्यादा ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं.
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