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Editorial :- अविश्वास प्रस्ताव : एनडीए ने कसी कमर: सोनिया बोली? हम हैं नंबरी

टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। एसपी ने कहा नंबर नहीं, पर सरकार के झूठ को करेंंगे उजागर। सोनिया बोली : कौन कहता है हमारे पास नंबर नहीं? कुछ विपक्षी पार्टियों ने किया व्हीप जारी।
बीजेपी ने जारी किया व्हिप, अनंत कुमार ने कहा सरकार के पास है दो तिहाई बहुमत।
कानून को अपने हाथ में लेना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता। उसी प्रकार से बहुरूपीया बनकर जनता को धोखा देना भी किसी भी प्रकार से उचित नहीं कहा जा सकता।
अभी हम देख रहे हैं कि कई पाखंडी साधू बने हुए हैं। गेरूआ वस्त्र धारण कर हिन्दुओं के विरूद्ध षडयंत्र कर रहे हंै। कई नेता भी इसमें शामिल हो सकते हैं। वे ऐसा वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिये कर रहे हैं परंतु यह कुकृत्य देश में अस्थिरता भी पैदा करता है।
यहॉ तक देखा जा रहा है कि कुछ क्रिस्चियन मिशनरियों से संबंधित पादरी भी गेरूआ वस्त्र धारण कर हिन्दुओं के विरूद्ध प्रचार कर जनता को विशेषकर आदिवासी समाज को धोखा दे रहे हैं।
नार्थ-ईस्ट के अलावा झारखंड, बस्तर आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो आदिवासी बाहुल्य हैं। उन भोले-भाले आदिवासियों को भड़काने का कार्य मिशनरियों और विदेशी कुचक्र के जाल में  हमारे यहॉ के नेता भी जाने अंजाने में फंस गए हैं।
स्वामी अग्रिवेश गेरूआ वस्त्रधारी हैं। अधिकांश लोगों की दृष्टि से वे हिन्दुओं के विरूद्ध कुचक्र रचते हैं। यह कहॉ तक सत्य है यह तो कहा नहीं जा सकता।
उन्हीं की संभवत: नकल कर कांग्रेस के प्रवक्ता ने राहुल गांधी को जनेउधारी बना दिया। स्वामी अग्रिवेश के साथ कानून अपने हाथ में लेकर कुछ लोगों द्वारा जो अनुचित सलूक किया गया उसके विरोध में यूथ कांगे्रस के द्वारा रांची में उग्र प्रदर्शन किया गया।
हम यह समझने में असमर्थ हैं कि सेक्युलरवादियों के विशेषकर कांगे्रस के दो चेहरे क्यों हैं?
तीन तलाक के विरोध करने वाली निदा ख़ान को फतवा जारी किए जाने पर बहस चल रही थी. बहस कुछ आगे बढ़ी ही थी कि मौलाना एजाज अरशद कासमी ने अंबर जैदी की एक टिप्पणी पर उन्हें ढोंगी औरत कहते हुए मारना शुरू कर दिया।
स्वामी अग्रिवेश पर हाथ उठाना अनुचित था। पर उससे भी ज्यादा भयंकर अपराध तो मुस्लिम पसर्नल लॉ से संबंधित एक मौलाना द्वारा एक मुस्लिम वकील महिला पर हाथ उठाना है।
कांगे्रस द्वारा स्वामी अग्रिवेश के मामले में तो उग्र प्रदर्शन किया। राहुल गांधी ने भी इस पर क्षोभ प्रगट किया परंतु मुस्लिम वकील पर मौलवी द्वारा जो मार-पीट की गई उस पर एक शब्द भी नहीं कहे।
स्पष्ट है वकील महिला तीन-तलाक, हलाला आदि के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट तक गई है और आज एक अदालत ने तो उस ट्रिपल तलाक शुदा महिला के पक्ष में जजमेंट भी दिया है और कोर्ट के आदेश से उनके पति और ससुर पर मुकदमा भी चलेगा।
अब मैं संपादकीय के प्रारंभ मे कहे शब्दों की चर्चा करना उचित समझता हूं।
अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में सोनिया गांधी का अहंकार जारी हुआ है। विरोधी पार्टी के लिये कम से कम पचास लोकसभा में सदस्य हों इतने सदस्य भी न जुटाने वाली पार्टी यह कह रही है कि उसके पास नंबर हैं।
कांग्रेस बहुमत में नहीं होती है तब वह प्रजातंत्र की कमजोरी को पकड़कर कुछ सदस्यों वाली पार्टी के नेता को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनाकर पीछे के दरवाजे से शासन करती रही है और अभी कर्नाटक में भी कर रही है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी को कांग्रेस ने इस प्रकार से परेशान कर दिया है कि उनके आंखो में आंसू भी आ गये हैं ऐसा मीडिया में प्रकाशित हुआ है।
परंतु कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी है यह एक उर्दू अखबार में राहुल गांधी ने स्वयं स्वीकार कर लिया है। इस पर विवाद नहंीं होना चाहिये क्योंकि सोनिया गांधी ने बटाला हाऊस एन्काउंटर के समय आंसू बहाकर भी यह सिद्ध किया था।
पंडित नेहरू ने भी सिद्ध कर दिया था कि वे घटनावश हिन्दू हैं अन्यथा वे शिक्षा से अंगे्रज और संस्कृति से मुसलमान हैं।
फिरोज खान के पौत्र राहुल गांधी भले ही अपने दादा का नाम कभी संभवत: लिये ही नहीं और न ही नेहरू-गांधी परिवार उनकी मजार पर कभी पुष्प चढ़ाने गया।
बावजूद इसके सोनिया गांधी का यह कहना कि उनके पास नंबर हैं। मतलब उनको कुछ विपक्षी पार्टियों का समर्थन हो सकता है। कर्नाटक में साथी सरकार के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी के आंसू निश्चित ही उन दिनों की याद दिलाते हैं जब कांग्रेस ने सिद्धांतहीन अवसरवादी गठबंधनों में चंद्रशेखर,देवगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल से धोखा किया था और सीता राम केसरी तथा नरसिंह राव जैसे सम्माननीय कांग्रेस नेताओं का इसलिये अपमान किया था कि वे नेहरू-गांधी परिवार के नही हैं।
कांग्र्रेस का हर गठबंधन विश्वासघात और जनता से छल का अनवरत दस्तावेजी प्रवाह है।
इससे स्पष्ट है अभी जो लोकसभा का गणित है उसमें एनडीए के ३०० के लगभग सदस्य हैं। संभव है कुछ विपक्षी सदस्य भी अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट करें। अर्थात कांगे्रस का अहंकार की उसके पास नंबर है थोथा चना बाजे घना