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जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद करते हैं हिन्दुओं को अपमानित करने वाली फि ल्में बनाने वाले पाकिस्तानी एक्टर शान शाहिद हैं आमिर खान के फेवरेट

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Article – 25 oct 2020

मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन की धर्म पत्नी जया बच्चन ने राज्यसभा में कहा था कि दुख की बात यह है कि कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद करते हैं। यह बात बॉलीवुड पर अक्षरश: लागू होती है। बॉलीवुड के कई ऐसे अभिनेता और अभिनेत्री है, जिन्हें हिन्दू दर्शकों ने शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया। लेकिन उन्होंने हमेशा अपने हिन्दू दर्शकों को धोखा देने का काम किया है। उनमें अभिनेता आमिर खान भी शामिल है। आमिर खान पाकिस्तान के अभिनेता शान शाहिद के बड़े प्रशंसक है, जो हिन्दुओं को अपमानित करने वाला फिल्में बनाता है। आप इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि आमिर खान किस तरह हिन्दुओं के खिलाफ काम करने वाले लोगों को बढ़ावा देते हैं।

वीडियो क्लिप में सुन और देख सकते हैं कि किस तरह एक पुजारी को सीढिय़ों पर गिराकर हमला किया गया है। पुजारी अपने को बचाने के लिए राम-राम की गुहार लगा रहा है। लेकिन इस गुहार का मुस्लिम हमलावर पर कोई असर नहीं होता है। वह कह रहा है, “तू राम-राम करता जा, मैं अल्ला-अल्ला कहता जाऊंगा।” आखिरकर मुस्लिम हमलावर गोली मारकर पुजारी की हत्या कर देता है। दरअसल, यह वीडियो क्लिप पाकिस्तानी फिल्म ‘मूसा खानÓ से लिया गया है, जो 2001 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म के अभिनेता, निर्देशक और निर्माता शान शाहिद है।

आमिर खान ने ‘मूसा खानÓ जैसे हिन्दू विरोधी फिल्म में अभिनय करने, फिल्म को निर्देशित करने और फिल्म बनाने के बावजूद शान शाहिद को फिल्म ‘गजनीÓ में अभिनय के लिए पेशकश की थी, लेकिन शाहिद ने इस पेशकश को ठुकरा दिया था। शाहिद ने आमिर खान की पेशकश क्यों ठुकराई इसकी भी एक वजह है, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

शाहिद के मुताबिक, ” गजनी में मुख्य खलनायक की भूमिका के लिए मुझे प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन मैंने आमिर खान से कहा कि मैं सूर्य शिवकुमार के बराबर पैसे लूंगा। आमिर खान ने मेरी शर्त स्वीकार कर ली। मैंने उन्हें एक हफ्ते तक जवाब के लिए इंतजार करने के लिए कहा। एक हफ्ते तक विचार के बाद मैंने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। मैंने आमिर खान से कहा कि इस फिल्म में मुझे भारतीय हिरो द्वारा अपमानित होना पड़ेगा। जो मेरा और पाकिस्तान का अपमान होगा।”

वेबसाइट में विष्णु वर्धन की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आमिर खान काफी होशियार हैंं। पहले उन्होंने राष्ट्रवादी भारतीयों को आकर्षित करने के लिए सरफ रोश, लगान और मंगल पांडेय जैसी देशभक्ति फिल्में बनाईं और बाद में चालाकी से फिल्मों के जरिए अपने एजेंडों को लागू करना शुरू कर दिया।

रंग दे बंसती फिल्म का उदाहरण लीजिए। इस फिल्म को जिसने भी देखी उसने डिफेंस डील में करप्शन को लेकर जॉर्ड फर्नाडिस और भाजपा को कोसने लगा।

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की पत्नी से मुलाकात के बाद एक बार अभिनेता आमिर खान सुर्खियों में हैं।

तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन जब पाक में गये थे तब इमरान खान ने कहा था कि वे पाकिस्तान  में चुनाव जीत सकते हैं और इमरान खान हार सकते हैं। इसके बाद यह भी चर्चा मीडिया में हुई कि राहुल गांधी भी यदि पाकिस्तान में चुनाव लड़ें तो वे इमरान खान और आर्दिआन दोनों को हरा सकते हैं।

यहॉ यह उल्लेखनीय है कि तुर्की के राष्ट्रपति ने अपनी पत्नी की उपस्थिति में कहा, सिर्फ बच्चे पैदा करने के लिए हैं महिलाएं।

राहुल गाध्ंाी जैसे ही आमिर खान को भी तुर्की पसंद है क्योंकि तुर्की और मलेशिया तथा पाकिस्तान ही ऐसे देश हैं जो कश्मीर के मुद्दे पर भी भारत के विरूद्ध हैं। राहुल गांधी भी अपनी कांग्रेस को कांग्रेस के मुद़्दे पर भारत सरकार के विरूद्ध में खड़ी कर चुके हैं।

इसके बाद आमिर खान ने सत्यमेव जयते सीरिज के जरिए अपने हिंदू विरोधी एजेंडा को लागू करना शुरू कर दिया।

सत्यमेव जयते सीरिज के जरिए हृत्रह्र के लिए कलेक्ट किया गया फंड, लगभग सारा पैसा मुसलमानों के लिए काम करने वाले उनके पालतू एनजीओ या भारत-विरोधी एजेंडे पर चला गया।

हम हिंदुओं ने अपने साहब की कहानियों पर विश्वास करके हमारे अपने दुश्मनों को धन दिया।

मैं सत्यमेव जयते में उनके हिंदू-विरोधी एजेंडे का सिर्फ एक उदाहरण दूंगा। उन्होंने हिंदुओं को बालिकाओं के हत्यारों के रूप में दिखाया। और फिर इसी कड़ी में दिखाया कि कैसे मुस्लिम बिना दहेज के शादी कर रहे हैं और इसलिए वे बच्चियों की हत्या नहीं करते। क्या यह किसी भी हिंदू महिलाओं के खून में उबाल नहीं लाएगा कि हमारे माता-पिता दहेज के लिए हमें मारते हैं जबकि मुसलमान दहेज नहीं लेते हैं और इसलिए उनकी लड़कियां सुरक्षित हैं? क्या यह गुस्सा मुसलमानों को लव जिहाद में मदद नहीं करेगा?

सत्यमेव जयते में एक भी एपिसोड ऐसा नहीं था जहाँ आमिर ने इस्लामी समाज में सामाजिक बुराइयों को दिखाया हो। उन्होंने बुर्का या ट्रिपल तालक या बहुविवाह या हलाला या कम से कम इस बात पर कोई कड़ी नहीं बनाई कि हैदराबाद में किशोर लड़कियों को मुथा विवाह (अस्थायी विवाह) में पुराने अरबों को कैसे बेचा जाता है। अपने ही धर्म में सामाजिक बुराइयों पर एक भी प्रकरण नहीं।

सत्यमेव जयते भारत और इसकी संस्कृति पर सबसे बड़ी हिट नौटंकी थी। उन्होंने भारत में सब कुछ हिट किया  – डॉक्टरों से लेकर वैज्ञानिकों तक सभी को हवा से पानी। और हमने  उस पर गुस्सा करने के बजाय उसके लिए ताली बजाई।

उसके बाद पीके आई, जो अब तक की सबसे खराब हिन्दुफोबिक फिल्म है। हम हिंदुओं ने अपने ही भगवानों पर किए गए चुटकुलों पर हँसा। हम पाकिस्तानी लड़के के लिए आंसू बहाते हैं जो एक हिंदू लड़की से प्यार करता है।

भारतीय सिनेमा में पीके सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर बन गई, जबकि हिंदू अपने ही भगवानों पर हंसते थे।

रिपोर्ट में कहा गया कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आमिर खान ने विवादास्पद बयान दिया और कहा कि उनकी पत्नी को भारत में डर लगता है, लेकिन बड़ी बात यह है कि अब भी आमिर खान भारतीय दर्शकों से करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। आमिर खान के हिडेन एजेंडे को समझने में हिन्दू नाकाम रहे हैं।