कोरोना वायरस की दवा और वैक्सीन विकसित करने का काम भी जारी है. इस बीच एक नए शोध में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों के मरीजों के मस्तिष्क के संबंध में बड़ा दावा किया गया है. इस शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस संक्रमण लोगों के मस्तिष्क पर इतना बुरा प्रभाव डालता है कि यह मस्तिष्क के 10 साल बूढ़े होने के बराबर होता है. मतलब मस्तिष्क की कार्य प्रणाली बेकार हो जाती है.
आखिर इंसान का मस्तिष्क कितने बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है. इसमें लोगों से पहेली सुलझवाई जाती है. आमतौर पर ऐसे टेस्ट अल्जाइमर के मरीजों की जांच में होता है. हैम्पशायर की टीम ने 84,285 लोगों के नतीजों का विश्लेषण किया. इन लोगों ने ग्रेट ब्रिटिश इंटेलिजेंस टेस्ट नामक एक अध्ययन को पूरा किया है.
शोध में रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अध्ययन से इस बात की पुष्टि होती है कि कोविड 19 महामारी मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डाल रही है. इसमें यह भी दावा किया गया है कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं आखिर इंसान का मस्तिष्क कितने बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है. इसमें लोगों से पहेली सुलझवाई जाती है. आमतौर पर ऐसे टेस्ट अल्जाइमर के मरीजों की जांच में होता है. हैम्पशायर की टीम ने 84,285 लोगों के नतीजों का विश्लेषण किया.
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