रांची. पुलिस को दिये बयान में बच्ची की मां लक्खी देवी ने कहा है कि 35 दिन पहले सदर अस्पताल में बेटी का जन्म हुआ था. इसके बाद वह अपने मायके ऊपर सिंघवा में रह रही थी. बच्ची के जन्म के बाद से ही पति गुस्से में थे.
19 जुलाई की रात करीब आठ बजे उसके पति प्रसादी पंडित व ससुर भागवत पंडित आये. ससुर गांव में ही रहे और पति घर पर पहुंचे. उसने गोद से बच्ची को ले लिया व गला दबा कर खाट पर पटक दिया. लक्खी देवी ने सोचा कि बेटी सो गयी है. सुबह में उठी तो बच्ची को जगाने लगी. देखी कि बच्ची का शरीर कड़ा हो गया है. हो-हल्ला करने पर अन्य महिलाएं पहुंचीं. उनलोगों ने बताया कि रात में ही प्रियंका की मौत हो गयी है. लक्खी का दावा है कि पुत्री होने के कारण ही पति ने उसकी हत्या कर दी.
लक्खी के पिता ऊपर सिंघवा निवासी सुरेश पंडित ने बताया कि बच्ची को मारने के बाद दामाद रात में ही भाग गया. समाचार लिखे जाने तक नगर पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है. घटना को लेकर नगर थाने में लक्खी के बयान पर एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है.
सदर अस्पताल में मेडिकल बोर्ड ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया. बोर्ड में डॉ रंजन सिन्हा, डॉ सीके शाही व डॉ कुंदन शामिल थे. पोस्टमार्टम कर रहे डॉक्टरों ने बच्ची के सिर व गले के पिछले हिस्से में चोट पायी है.
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